साँप और मोर को जन्नत से क्यों निकाला गया-Sanp aur mor ki kahani

साँप और मोर को जन्नत से क्यों निकाला गया-Sanp aur mor ki kahani

साँप और मोर को जन्नत से क्यों निकाला गया-Sanp aur mor ki kahaniसाँप और मोर को जन्नत से क्यों निकाला गया-Sanp aur mor ki kahani

साँप और मोर को जन्नत से क्यों निकाला गया आज हम इसी के बारे में जानेंगे हज़रत आदम अलैहिस्सलाम और अम्मा हव्वा अलैहिस्सलाम अपनी पैदाइश के बाद जन्नत में खुशहाली के साथ अपनी ज़िंदगी गुज़ार रहे थे

शैतान जन्नत और आलमे बाला से निकाला जा चुका था इस लिए शैतान के दिल मे हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की दुश्मनी थी और इन्तेक़ाम की आतिश उसके दिल में भड़क रही थी दोस्तों शैतान को जब ये मालूम चला कि हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को जन्नत के तमाम मेवे खाने की इजाज़त मिल चुकी है लेकिन शजरे ममनुआ यानी गंदुम के दाने को खाने से मना कर दिया गया है

तब शैतान ज़मीन से आलमे बाला यानी जन्नत की तरफ रवाना हुआ जन्नत में शैतान का दाखिला मना था लेकिन 3″इसमें आज़म याद थे जिसका विरद करने की वजह से शैतान को ये ताक़त हासिल हो गई कि वो पहले आसमान से सांतवें आसमान तक पहुँच सके

वो जन्नत के दरवाज़ों पर बने हुए दो चबूतरों में से एक पर बैठ गया और 3 सौ साल तक इंतेज़ार करता रहा के कोई जन्नत से बाहर आए और वो उससे अपने मतलब की बात कर सके अचानक मोर जन्नत से बाहर आ गया उसको देखते ही शैतान खुश हुआ और उससे कहने लगा कि ऐ खुशनुमा परिंदे तुम कौन हो मोर ने जवाब दिया मैं मोर हूँ

उसके बाद मोर ने कहा तुम अपने बारे में बताओ तुम कौन हो शैतान ने कहा मैं आलमे करोबिया का एक फरिश्ता हूँ और हमेशा अल्लाह की याद में रहता हूँ मैं ये चाहता हूँ कि जन्नत में मैं भी जाऊँ और वहाँ की नेमतों को अपनी आंखों से देखूं

शैतान ने मोर से कहा अगर तुम मुझे जन्नत के अंदर लेकर चलोगे तो मैं तुम्हे 3 ऐसी बाते बताऊंगा जिससे तुम्हे अब्दी ज़िन्दगी हासिल हो जाएगी तुम्हे कभी बुढापा और बीमारी नही आएगी और तूम हमेशा जन्नत में रहोगे लालच में आकर मोर ने कहा के मुझमे तो इतनी ताकत नहीं है के मैं तुम्हे जन्नत में ले जाऊं लेकिन एक साँप मेरा दोस्त है वो शायद तुम्हारी कोई मदद कर सके

ये कहकर मोर सांप के पास आया और उसे सारा माजरा सुनाया सांप भी शैतान की बात से बहोत खुश हुआ और उसे अपने मुँह में छुपा कर जन्नत में दाखिल होने में कामयाब हो गया और शजरे ममनुआ यानी उस गंदुम के पास पहुंचा दिया जो हज़रत आदम अलैहिस्सलाम और हज़रत हव्वा अलैहिस्सलाम को खाने से मना किया गया था

वही दूसरी तरफ जन्नत के निगहबानों को तुरंत इस बात का पता चल गया कि शैतान जन्नत में दाखिल हो गया है जब निगेहबान शैतान को जन्नत से निकालने लगे तो अल्लाह का हुक्म हुआ कि इसे अभी जन्नत में ही रहने दिया जाए शायद ये भी हज़रत आदम अलैहिस्सलाम का इम्तेहान था या अल्लाह की कोई हिक्मत थी

जन्नत में रहने का हुक्म जब शैतान को मिल गया तो वो हज़रत आदम अलैहिस्सलाम और अम्मा हव्वा अलैहिस्सलाम के पास जाकर मोहब्बत और अक़ीदत का इज़हार करने लगा और ये दोनों उस शैतान को पहचान नहीं सके क्यों की उसने अपना हुलिया बदल लिया था

हज़रत आदम अलैहिस्सलाम और हज़रत हव्वा अलैहिस्सलाम को जन्नत से निकला गया 

उसने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम से कहा के मैं चाहता हूँ कि आप जन्नत में इसी तरह से खुशहाल ज़िन्दगी गुज़ारते रहे हज़रत आदम अलैहिस्सलाम शैतान की बात सुनकर गहरी सोच में डूब गए शैतान ने कहा अगर आपने मेरी बात पर अमल किया तो यकीनन आपको हमेशा जन्नत की हर नेमत हासिल रहेगी ये सुनकर हज़रत आदम अलैहिस्सलाम शैतान के बहकावे में आ गए

और पूछे की ये किस तरह मुमकिन है तब शैतान ने कहा अगर उस गंदुम के दाने को अगर आप दोनों खा ले तो आपको अब्दी हयात हासिल हो जाएगी और आप जन्नत में ही रहेंगे ये बात सुनकर हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के दिल मे रुझान पैदा हु लेकिन उनके दिल में अल्लाह की नाफरमानी का खौफ आ गया लेकिन हज़रत अम्मा हव्वा शैतान की बातों में आ गई और उनके कहने पर दोनों ने उस गंदुम के दाने को खा लिया जिसके बाद दोनों बेलिबास हो गए

साँप और मोर को जन्नत से क्यों निकाला गया-Sanp aur mor ki kahani

दोस्तों वाक़्या तो बहोत बड़ा है लेकिन आपको अगर कम लफ़्ज़ों में बताया जाए तो बात ये है की अल्लाह के हुक्म पर फरिश्तों ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को कोहे-सरांदीप यानी श्रीलंका के क़रीब और हज़रत हव्वा अलैहिस्सलाम को जिद्दाह की सरज़मीन पर उतार दिया शैतान को जन्नत से हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को सजदा ना करने पर निकाल दिया गया था

जन्नत में हर नेमत मौजूद थी  हज़रत आदम अलैहिस्सलाम खुश थे मगर तनहा रहते थे उसके बाद अल्लाह तआला ने उनकी तन्हाई को ख़त्म करने के के लिए उनकी पसलियों से हज़रत हव्वा को पैदा फ़रमाया दोनों एक साथ रहने लगे अल्लाह तआला ने उन्हें एक ख़ास फल के क़रीब जाने से मना किया और फ़रमाया अगर तुमने इसे खाया तो ज़ालिमों में शुमार हो जाओगे

उसी जन्नत में मोर और सांप भी रहते थे उनका जन्नत से बहार भी आना जाना था एक दिन शैतान ने उन्हें रोका और कहा की मुझे भी जन्नत में लेकर चलो उन्होंने कहा अल्लाह ने हमें मना किया है शैतान ने मोर और सांप को जज़्बाती वास्ते देना शुरू कर दिया फिर सांप ने शैतान से कहा की तुम सांप बन जाओ और मोर तुम्हे निगल लेगा और जन्नत में लेकर जाके उगल देगा

आपको बता दूँ की साँप जब जन्नत में था तो इसके मुँह से बहोत अच्छी खुशबू आती थी और इसके पैर भी होते थे और जैसे आज है पहले इससे भी ज़्यादा ख़ूबसूरत हुआ करता था उसके पैर भी खूबसूरत थे बस मोर ने जन्नत में शैतान को लेकर जाके उगल दिया उसके बाद शैतान जन्नत में हज़रत आदम और हज़रत हव्वा से मिला उन्हें उस फल के बारे में बहकाने लगा हज़रत आदम ने कहा हमें अल्लाह ने मना किया है

एक दिन हज़रत आदम अलैहिस्सलाम सो रहे थे तब शैतान हज़रत हव्वा के पास गया और उन्हें फिर से उस फल के बारे मे बहकाने लगा हज़रत हव्वा आखिर शैतान की बातो में आकर उस दरख़्त के पास चली गई और उस फल को खा लिया जब हज़रत आदम अलैहिस्सलाम उठे तो इसरार करके उन्हें भी खिलाया उसके बाद उनके जिस्म से जन्नत का लिबास गायब हो गया उसके बाद उन्हें बहोत शर्मिंदगी हुई

साँप और मोर को जन्नत से क्यों निकाला गया-Sanp aur mor ki kahani

और अल्लाह से रो-रोकर माफ़ी मांगने लगे अल्लाह ने उन्हें जन्नत से निकाल दिया और लम्बे वक़्त तक उन्हें ज़मीन पर रख्खा उसके बाद ही जिस पैर से मोर शैतान को जन्नत में लेकर गया था उससे भी वो खूबसूरत पैर वापिस ले लिए गए और बदसूरत पैर बना दिए गए और जिस मुंह से सांप ने मशवरा दिया था उससे उसकी मुँह की खुशबू छीन ली गई और उसके पैर छीन लिए गए और जन्नत से निकाल दिए गए

हज़रत यूनुस अलैहिस्सलाम और मछली का वाक़्या-Hazrat yunus alaihis salam aur machli ka waqia

मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों जाते-जाते छोटी सी गुजारिश है। अगर कोई वाक़्या कहानी या तहरीर अच्छी लग जाए तो पढ़ लेने के बाद थोड़ी सी ज़हमत फरमाकर अपने दोस्तों के साथ उसको शेयर कर दीजिए