क़ारून का खज़ाना और उसका अंजाम-qaroon ka khazana story in hindi

दोस्तों आज हम जानने वाले हैं क़ारून का खज़ाना और उसका अंजाम, दुनिया के किसी भी ख़ज़ाने का ज़िक्र क़ारून के बगैर अधूरी है बहोत से किस्से कहानियाँ और रिवायात क़ारून और इसके ख़ज़ाने के मशहूर है. लेकिन आज हम आपको क़ुरआन शरीफ और कुछ हवालों से क़ारून और इसके ख़ज़ाने का वाक़्या बताएंगे जिसे पढ़कर आपको एक बेहतरीन नसीहत मिलेगी आपसे गुज़ारिश है इसे पूरा ज़रूर पढ़ें. दोस्तों क़ारून वही शख्स है जिसका ज़िक्र क़ुरआन मजीद में सबक़ हासिल करने के लिए किया गया है. क़ारून हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के चाचा बसर का बेटा था वो बचपन से ही बेहद हसीन और खूबसूरत था.

इसी वजह से बनी इसराईल के लोग उसे मुनव्वर कहकर पुकार ते थे यानी खूबसूरत. जब क़ारून जवान हुआ तो बहोत नेक लोगों में वो शुमार किया जाने लगा. यहाँ तक के वो तौरैत का बहोत बड़ा आलिम बन गया. क़ारून अपना ज़्यादा समय हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की खिदमत में गुज़ारा करता था इसी वजह से वो तौरैत का बहोत बड़ा आलिम बन गया और वो बहोत अच्छी आवाज़ का मालिक था वो तौरैत को ख़ूबसूरत अंदाज़ में पढ़ा करता था. इसी वजह से लोग उसका बहोत ही अदब और एहतराम किया करते थे.

क़ारून भी हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम पर ईमान ले आया. और जब बनी इसराईल को तबतियों की गुलामी से आज़ादी मिली तो क़ारून भी अपनी क़ौम के लोगों के साथ मिस्र को छोड़कर सर जमीन-ए-माऊद की तरफ हिजरत यानी रहने के लिए चल दिया. वहाँ क़ारून के हालात एकदम से बदल गए और इसके हाथ में बेशुमार दौलत आई. देखते ही देखते वो अपनी क़ौम का सबसे अमीर शख्स बन गया सूद का क़ारोबार करने लग गया लोगों से फसलें खरीद कर कई महीने तक इनको छुपा कर रखता और फिर महंगे दामों में उन फसलों को बेचा करता था.

क़ारून का खज़ाना कहाँ है ? qaroon ka khazana story in hindi

फिर वो ऐसा अमीर हो गया की उसके ख़ज़ाने की चाबियां 300 ऊँटो और खच्चरों पर लादी जाती थी. और हर चाबी चमड़े की होती थी जो की एक ख़ज़ाने की चाबी होती थी. तारीख में लिखा गया है की क़ारून से ज़्यादा दौलत और शोहरत किसी शख्स को नहीं मिली जिसका ज़िक्र अल्लाह तआला ने क़ुरआन शरीफ में कुछ इस तरह से किया है. बेशक क़ारून मूसा अलैहिस्सलाम की कौम से था फिर उसने क़ौम पर ज़ुल्म किया और हमने इसको इतने ख़ज़ाने दिए जिनकी कुंजियाँ उठाना एक ताकतवर जमात पर भारी थी. एक और जगह पर अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया है.

जब क़ारून से उसकी क़ौम ने कहा घमंड मत करो बेशक अल्लाह तआला इतराने वालों को पसंद नहीं करता. और जो दौलत तुझे अल्लाह तआला ने दिया है इसके ज़रिये से अपनी आख़िरत को बेहतर कर और अल्लाह को राज़ी कर और एहसान कर जैसा अल्लाह तआला ने तुझ पर एहसान किया. और ज़मीन में फसाद मत कर, बेशक अल्लाह तआला फसादियों को पसंद नहीं करता. मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों क़ारून शुरू में हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के मानने वालों में शामिल था, एक दिन अल्लाह तआला ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को ज़कात का हुक्म दिया.

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने अल्लाह के हुक्म के मुताबिक़ अपनी क़ौम को ज़कात निकालने का हुक्म दिए तो ये सुनकर क़ारून ने भी हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ये से वादा किया कि वो भी अपने माल का हज़ारवाँ हिस्सा ज़कात में दिया करेगा. जब इसने अपने माल का हिसाब लगाया तो एक बहुत बड़ी रकम ज़कात की निकल रही थी. उसके बाद इसके दिल में लालच पैदा हो गई और वो ज़कात के खिलाफ हो गया उसने एक गंदी चाल चली, उसने बनी इसराईल में से ही एक गिरोह को जमा किया जो उसके हिमायती थे, उन्हें जमा किया और कहा ऐ बनी इसराईल के लोगों मूसा अलैहिस्सलाम ने हमें कई हुक्म दिए जिसे हम सबने माना और उसपर अमल किया लेकिन अब मूसा का इरादा बदल गया है.

अब वो तुमसे तुम्हारा दौलत छीन लेना चाहते है क़ारून ने अपनी क़ौम में से एक औरत को कुछ पैसे देकर हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम पर इलज़ाम लगाने के लिए भी कहा ताकि हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को बुरा साबित किया जा सके. उसके बाद उसने अपने कौम के लोगों को जमा किया और हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से पूछा, के ज़िना की क्या सजा है? हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने फरमाया जो भी ज़िना करें, चाहे उसकी बीवी भी हो तो उसे शर्मसार किया जाए. यहाँ तक के वो मर जाए क़ारून ने कहा हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम अगर ये काम आपने किया हो तो भी क्या यही सज़ा का हुक्म है.

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा हाँ अगर ये काम मैंने भी किया तो भी यही हुक्म है. क़ारून ने कहा बनी इसराईल कुछ लोग ये मानते हैं की आपने फलाँ औरत के साथ ज़िना किया है, उसके बाद हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा उस औरत को मेरे सामने बुलाओ उसके बाद उस औरत को हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के सामने लाया गया हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा ऐ औरत तुझे उस अल्लाह तआला की क़सम है जिसने बनी इसराईल के लिए दरिया को फाड़ दिया और सलामती के साथ दरिया को पार करवाकर फ़िरौन से बचाया सच कह दे के मामला क्या है.

क़ारून का खज़ाना और उसका अंजाम-Qaroon ka khazana aur uska anjam

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के जलाल से वो औरत सहम कर काँपने लगी और उसने पूरे मजमे के सामने साफ-साफ कह दिया की ऐ अल्लाह तआला के नबी मुझे क़ारून ने बहोत दौलत देकर आप अलैहिस्सलाम पर झूठा इल्ज़ाम लगाने के लिए कहा है, उसके बाद हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम अल्लाह की बारगाह में सज्दा शुक्र में गिर पड़े और सज्दे की हालत में ही हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने ये दुआ मांगी – या अल्लाह क़ारून पर अपना अज़ाब नाज़िल कर दे.

उसके बाद वो सभी लोग जो क़ारून के साथ थे वो उससे अलग हो गए और हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने अल्लाह तआला के हुक्म से ज़मीन को हुक़्म दिया की ऐ ज़मीन क़ारून को और ख़ज़ाने को ख़त्म कर दे तो ज़मीन फट गयी और क़ारून का खज़ाना और जो इसके मानने वाले थे सब लोग भी ज़मीन में धंसने लग गए और देखते ही देखते क़ारून उसका महल और उसका खज़ाना सब कुछ इस ज़मीन में धंस गया. जब ये सबकुछ जमीन में धंस गया तो जमीन दोबारा बंद हो गया जैसे पहले थी.

मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों हमें जो चीज़ दी गई है वो सिर्फ दुनिया तक ही साथ रहने वाली और काम आने वाली है जब कि क़ारून को भी दुनियावी ज़िन्दगी का सामान दिया गया और उसने इसपर ग़ुरूर और तकब्बुर किया तो वो भी फिरौन की तरह अज़ाब से नहीं बच सका. दोस्तों सोचने की बात यहां ये है की क्या हमारे पास क़ारून और फिरौन से ज़्यादा माल और दौलत है और जिस तरह फिरौन को उसकी दौलत अल्लाह के अज़ाब से बचने में कोई काम नहीं आई.

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इसी तरह क़ारून को हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से रिश्तेदारी और इसके ख़ज़ानों ने कोई फायदा नहीं दिया तो हमें गुरूर किस बात का है याद रखो अगर हम भी इनकी तरह दौलत और शोहरत पर घमंड करते हैं और अपने से कम वाले को निचा दिखाते या फिर उन्हें बुरी नज़र से देखते है तो हमारा हाल भी फिरौन और क़ारून जैसा ही होगा. अल्लाह तआला से दुआ है की अल्लाह तआला हम सबको अपने प्यारे नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से बेपनाह मोहब्बत करने और उनके बताए हुवे रास्तों पर ज़िन्दगी  गुज़ारने की तौफ़ीक़ अता फरमाए और हमें हर बुरे काम से बचाए और ज़्यादा से ज़्यादा नेक काम करने की तौफ़ीक़ दे आमीन.

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