दोस्तों आज हम हज़रत सुलेमान और मलिका बिलक़ीस का वाक़िया-Malika Bilqees Ka Waqia पढ़ने वाले है इस वाक़्या को पढ़कर आपका ईमान ताज़ा हो जाएगा और आपको कई ऐसी जानकारी हासिल होगी जो शायद आपको मालूम नहीं होगी तो इस वाक़्या को पूरा ज़रूर पढ़ें एक बार हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम का दरबार लगा हुवा था सभी इंसान जानवर परिंदे और जिन्नात दरबार में हाज़िर थे लेकिन एक परिंदा जिसका नाम हुदहुद है वो दरबार में मौजूद नहीं था हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम को जब पता चला की हुदहुद दरबार में हाज़िर नहीं है तो हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम बहोत नाराज़ हुवे.
हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने कहा की अगर हुदहुद ने अपने गैर हाज़िर होने की कोई ठोस वजह नहीं बताया तो मैं उसे सज़ा दूंगा कुछ देर बाद हुदहुद दरबार में हाज़िर हुवा हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने हुदहुद से पुछा के तुम कहाँ थे तो हुदहुद ने हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम से कहा ऐ अल्लाह के प्यारे नबी मैंने आज एक सल्तनत देखि है जहां एक मलिका हुक़ूमत करती है और वहाँ के रहने वाले लोग सूरज और चाँद को खुदा मानते हैं और उसकी इबादत करते हैं. दोस्तों वैसे तो सभी परिंदे हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम के हुक्म को मानते थे लेकिन हुदहुद हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम का सबसे ज़्यादा खिदमत करने वाला और क़रीबी परिंदा था.
हज़रत सुलेमान और मलिका बिलक़ीस का वाक़िया-Malika Bilqees Ka Waqia
फिर हुदहुद ने हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम को मलिका की हुकूमत के बारे में सब कुछ बताया आज भी ये वाक़िया तारीख में मशहूर है जिसे हम सबा की रानी मलिका बिलक़ीस के नाम से जानते हैं. हुदहुद ने बताया की मलिका बिलक़ीस एक बहोत बड़े तख़्त पर बैठकर अपनी हुकूमत चलाती है और जो कुछ एक बादशाह के पास होने चाहिए वो सब कुछ उसके पास है. लेकिन वो और उसकी क़ौम चाँद सूरज और सितारों की इबादत करते हैं और उसे अपना खुदा मानते हैं उसके बाद हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने मलिका बिलक़ीस के नाम खत लिखा और हुदहुद उस खत को लेकर मलिका बिलक़ीस के पास गया.
क़ुरआन शरीफ में भी इसका ज़िक्र है की हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया की ये खत लेकर जाओ और मलिका बिलक़ीस पास इस खत गिरा दो तुम दूर होकर देखो की वो क्या जवाब देती हैं उसके बाद हुदहुद वो खत लेकर गया और मलिका बिलक़ीस की गोद में खत को गिरा दिया जब मलिका बिलक़ीस ने खत को देखा तो उसने अपने सभी दरबारियों को जमा किया और पढ़ने के बाद कहा ऐ लोगों मुझे ये खत खुद को अल्लाह के नबी कहने वाले हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम की तरफ से आया है और उन्होंने इस खत में हमें अपने दीन को क़ुबूल करने की दावत दी है.
खत को सुनाकर मलिका बिलक़ीस ने अपने दरबारियों और सरदारों से मशवरा लिया तो वज़ीरों ने कहा की हम बहोत ताक़तवर हैं हमें हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम से जंग करनी चाहिए उस वक़्त मलिका बिलक़ीस ने अपने वज़ीरों और दरबारियों को समझाया की जंग करना सही नहीं है क्यों की जंग से सिर्फ नुकसान होने वाला है इसमें किसी तरह से हमारा फायदा नहीं हैं मलिका बिलक़ीस ने कहा बेहतर तरीक़ा ये है की कुछ ख़ज़ाने और कुछ तोहफा हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम के पास भेज देते हैं अगर वो सच में अल्लाह के नबी हैं तो हमारे इस तोहफे को क़ुबूल नहीं करेंगे और हम लोगो को अपने दीन में फिर से दाखिल होने के लिए कहेंगे.
और अगर वो सिर्फ बादशाह होंगे तो हमारे तोहफे को क़ुबूल कर के हमसे दोबारा अल्लाह पर ईमान लाने के लिए नहीं कहेंगे उसके बाद मलिका बिलक़ीस ने हर तरह के ख़ज़ाने और तोहफे हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम की बारगाह में भेजने का इंतेज़ाम कर लिया हुदहुद ये सब देखकर तुरन्त हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम की बारगाह में हाज़िर हुवा और उन्हें ये सब कुछ बताया कुछ दिनों के बाद जब मलिका बिलक़ीस के खादिम सभी तोहफा और खज़ाना लेकर हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम के पास पहुंचे तो हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने मलिका बिलक़ीस का तोहफा वापस करवा दिया और फ़रमाया की मेरे अल्लाह ने जो दिया है उसके आगे दुनिया की कोई दौलत और खज़ाना किसी काम का नहीं.
मलिका बिल्कीस का तख्त-malika bilqees ka takht
दोस्तों मलिका बिलक़ीस का तख़्त 80 गज लम्बा और 40 गज चौड़ा था उस तख़्त में सोना चाँदी हर तरह के हीरे ज़वाहरात लगे हुवे थे जब सबा की मलिका बिलक़ीस के तोहफे और ख़ज़ाने को हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने वापस किया तो उन वज़ीरों से सुलेमान अलैहिस्सलाम ने कहा की मलिका बिलक़ीस से कहो की वो अल्लाह से डरे और उसपर ईमान लाए और उसकी इबादत करे और मेरी बारगाह में आए उसके बाद हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने अपने दरबार में ऐलान किया की ऐ दरबारियों तुम लोगों में कौन ऐसा है जो मलिका बिलक़ीस के आने से पहले उसके तख़्त को यहाँ हाज़िर कर दे.
दरबार में से एक बड़ा जिन्न बोला हुज़ूर उस तख़्त को मैं आपकी बारगाह में दरबार ख़त्म होने से पहले हाज़िर कर दूंगा मेरे पास वो क़ाबिलियत है हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने कहा और जल्दी कौन ला सकता है ये सुनकर हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम के वज़ीर जिनका नाम आसिब था वो अल्लाह के बहोत बड़े वाली भी थे उन्होंने हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम से कहा हुज़ूर मैं मलिका बिलक़ीस की तख़्त को पालक झपकने से पहले हाज़िर कर सकता हूँ.
उसके बाद हज़रत आसिब ने अल्लाह की अता की हुई ताक़त से सबा की मलिका बिलक़ीस की तख़्त को मुल्क़े सबा से बैतुल मुक़द्दस तक यानी हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम के महल में खींच लिया और वो तख़्त सुलेमान अलैहिस्सलाम के कुर्सी के पास आ गया वो तख़्त ज़मीन के निचे से होते हुवे एक पल में हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम के महल में आ गया दोस्तों ये होती है अल्लाह के वलियों की शान तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की अल्लाह के नबी की क्या शान होती होगी.
उसके बाद जब खादिमों ने वापस आकर मलिका बिलक़ीस को सारा मामला बताया जो हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने उन वज़ीरों से कहा था तो मलिका बिलक़ीस हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम की दरबार में हाज़िर हुई और अपने तख़्त को भी वहाँ पर देखा और हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम को देख कर बोली बेशक आप अल्लाह के नबी हैं उसके बाद मलिका बिलक़ीस ने हज़रत सुलेमान अलैहिस्सलाम और अल्लाह पर ईमान ले आई ये वाक़या था हज़रत सुलेमान और मलिका बिलक़ीस का वाक़िया-Malika Bilqees Ka Waqia.
इसे भी पढ़ें – दरिया ए नील का वाकया-darya e neel ka waqia
दोस्तों अल्लाह तआला से दुआ है की अगर हमारे लिखने में या पढ़ने में किसी भी तारा से गलती हुई हो तो अल्लाह माफ़ करे और अपने प्यारे नबी के सदक़े में हमें ज़्यादा से ज़्यादा नेक काम करने की हिदायत दे और हम सबको बुरे कामों से बचाए और ज़्यादा से ज़्यादा नेक काम करने की ताउफुक़ आता करे उम्मीद है आपको हमारी ये पोस्ट-हज़रत सुलेमान और मलिका बिलक़ीस का वाक़िया-Malika Bilqees Ka Waqia पसंद आई होगी इसी तरह के और इस्लामी मालूमात हासिल करने के लिए हमारी वेबसाइट bahareshariat.com को चेक करें.
[…] […]