Ghous Pak Aur Ek Gana Gaane Wale Ka Waqia-ग़ौस पाक का वाक़्या

Ghous Pak Aur Ek Gana Gaane Wale Ka Waqia-ग़ौस पाक का वाक़्या

अस्सलामु अलैकुम मेरे मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों आज हम आपके सामने पेश करने  जा रहे हैं पीरों के पीर सुल्तान उल औलिया हुज़ूर सय्यदना गौसे पाक (Ghous Pak) रहमतुल्लाह अलैह का बड़ा ही ईमान अफ़रोज़ और दिलचस्प वाक़्या बताने वाले हैं जिसे सुनकर गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह के चाहने वालों का ईमान ताज़ा हो जाएगा तो इस वाक़्या को पूरा ज़रूर पढ़ें – Ghous Pak Aur Ek Gana Gaane Wale Ka Waqia-ग़ौस पाक का वाक़्या

Ghous Pak Aur Ek Gana Gaane Wale Ka Waqia-ग़ौस पाक का वाक़्या

बगदाद शरीफ में एक गाने बजाने वाला शख्स रहता था वो बहोत ही अच्छा गाता-बजाता था लोग उसकी आवाज पर फिदा थे और लोग उसके बदले उसे पैसे दिया करते थे एक बार सरकार हुज़ूर सय्यदना गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह का गुज़र उसकी तरफ से हुआ तो सरकार गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैह ने उसे हिदायत दी की ये सब काम छोड़ दो और अल्लाह से तौबा करो यह काम सही नहीं है लेकिन वो शख्स अपने गाने-बजाने पर इतना गुरूर और घमंड रखता था कि उसने सरकार सय्यदना गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह से कहा कि कोई गलत नहीं है यह मेरा काम है मुझे मेरा काम करने दीजिए

हुज़ूर सय्यदना गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह ने उस शख्स को बहोत समझाया लेकिन वो शख्स नहीं माना और जब उसने देखा कि सरकार गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैह ने ऐसा कहा है तो वो शख्स गौसे पाक का मुखालिफ हो गया वो शख्स लोगो से सय्यदना गौसे पाक की शान में गुस्ताखी करता और कहता की गौसे आज़म तो मुझसे जलते हैं क्योंकि मैं बहोत अच्छा गाता हूं जब ये बात सरकार गौसे आज़म रहमतुल्लाह अलैह तक पहुंची तो आप (Ghous Pak Rahmatullah Alaih) मुस्कुराए और आपने कुछ नहीं कहा जैसे-जैसे उस शख्स की उम्र बढ़ती गई और वो बूढ़ा होने लगा तो अब उसकी मक़बूलियत कम हो गई

और अब उसे छोड़ कर लोग दूसरे गाने-बजाने वाले के पास जाने लगे इस बात से उसका दिल टूट गया और फिर उसने वो शहर ही छोड़ दिया और जाकर एक क़ब्रस्तान के पास रहने लगा और उसने अब ये इरादा कर लिया कि मैं अपना गाना मुर्दों को ही सुनाऊंगा (अल्लाह हू अकबर) चुनांचे उसने कब्रिस्तान में ही रहने का मुक़म्मल इरादा कर लिया और वहीँ गाता-बजाता रहा एक दिन वो शख्स अपने काम में मशरूफ था एक कब्र से आवाज आई ऐ शख्स तू कब तक मुर्दों को अपना गाना सुनाता रहेगा अब खुदा की तरफ पलट जा ये सुनते ही उस शख्स का अजीब सा हाल हो गयाउसके बाद वो शख्स अल्लाह की बारगाह में दुआ करने लगा और अल्लाह से अपनी बख्शीस की दुआ माँगने लगा

Ghous Pak Ne Us Gana Gaane Wale Shakhs Ko Apni Bargah Me Bulaya-ग़ौस पाक ने गाने-बजाने वाले को अपनी बारगाह में बुलाया

हुज़ूर सय्यदना गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह किसी जगह तक़रीर कर रहे थे की अचानक आप खामोश हो गए और आसमान की तरफ आपने नज़र उठाई और जितने लोग वहाँ तक़रीर समाअत कर रहे थे आपने उनसे मुखातिब होकर फरमाया मुझे 100 दीनार चाहिए तो वहाँ बहोत से लोग 100 दीनार लेकर गौसे पाक की बारगाह में हाज़िर हो गए और आपके सामने रख दिए लेकिन आपने सिर्फ एक शख्स के 100 दिनार ले लिए और अपने खादिम को हुक्म दिया कि ये 100 दिनार लेकर शुलुज़िया के कब्रिस्तान में जाओ वहां तुम्हें एक बूढ़ा शख्स गाता-बजाता हुआ मिलेगा उसे ये 100 दीनार देकर मेरे पास ले आओ

खादिम जब वहां पहुंचा तो एक बूढ़ा शख्स गाना गाते हुवे बाजा बजा रहा था खादिम ने उसे सलाम किया और 100 दीनार उस शख्स के हाथ में रख दिए वो बूढ़ा तेज़ आवाज़ में कुछ कहते हुवे बेहोश हो गया जब उसे होश आया तो खादिम ने कहा कि तुम्हें शेख अब्दुल कादिर जिलानी बुला रहे हैं वो शख्स फौरन खादिम के साथ चल दिया जब दोनों हुज़ूर सय्यदना गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह की बारगाह में पहुंचे तो सरकार गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह ने फरमाया अब तुम ही तुम्हारा किस्सा बयान करो उसने कहा कि मेरे जवानी के आलम में मेरी बड़ी शोहरत थी बहोत नाम था और मेरा गाना सुनने के लिए लोग बड़े दूर-दराज से आया करते थे और मुझे ढेर सारे पैसों से नवाजा करते थे

उस वक़्त हुज़ूर सय्यदना गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह ने मुझे हिदायत भी दी थी लेकिन मैंने इनकी बात नहीं मानी थी और इनके खिलाफ मैं बातें करने लगा था लेकिन जैसे ही मेरा बुढ़ापा आता गया और मेरी आवाज़ ढलती गई तो लोगों ने मुझे पूरी तरह से सुनना बंद कर दिया और आज जब मैं अल्लाह की बारगाह में तौबा कर रहा था अपने गुनाहों की माफी मांग रहा था तो सरकार गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह ने अपने खादिम के हाथों अल्लाह के हुक्म से मेरे लिए मदद भेजी उसके बाद उस शक्स ने कहा कि मैं गाने-बजाने से तौबा करता हूं इतना कहकर उस गाने बजाने वाले शख्स ने अपना बाजा तोड़ दिया

उस बूढ़े की ये दास्तान सुनकर लोग हैरान रह गए और 40 आदमियों ने उसी वक़्त उस बूढ़े शख्स को 100-100 दीनार दिए हुज़ूर सय्यदना गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह के एक खादिम का बयान है की जब ये वाक़्या हुवा तो वहाँ मौजूद कुछ लोगो पर ऐसा असर हुवा की वो तड़पने लगे और तड़पते तड़पते इंतकाल कर गए (अल्लाह हू अकबर) ये वाक़्या क़वायतुल जवाही किताब में है तो दोस्तों ये मुक़ाम और मर्तबा है सरकार गौसे आज़म रहमतुल्लाह  अलैह का की आपने किस तरह से लोगो को हिदायत दी और लोगों को सही रास्ता दिखाया ग़ौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह ने अपनी ज़िन्दगी में बहोत बड़े-बड़े करामात दिखाए हैं वाक़ई सरकार गौसे पाक रहमतुल्लाह अलैह की शान निराली है

हज़रत मखदूम अशरफ का वाक़िआ हिंदी में-Hazrat makhdoom ashraf jahangir simnani history in hindi

दोस्तों आपको हमारी ये पोस्ट Ghous Pak Aur Ek Gana Gaane Wale Ka Waqia-ग़ौस पाक का वाक़्या अगर अच्छी लगी हो तो निचे कमेंट में लिखकर ज़रूर बताएं अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त से यही दुआ है कि अपने प्यारे नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदक़े में हमें तमाम औलिया किराम और तमाम बुज़ुर्गाने दीन से सच्ची मोहब्बत करने की और उनका अदब और ताज़ीम करने की और उनके बताए हुवे रास्तों पर चलने की तौफ़ीक़ दे (आमीन)

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