अल्लाह ने छिपकली को क्यों पैदा किया-Allah ne chipkali ko kyo paida kiya

अल्लाह ने छिपकली को क्यों पैदा किया-Allah ne chipkali ko kyo paida kiya

दोस्तों एक बार हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने अल्लाह से सवाल किया या अल्लाह इस छिपकली का कोई फायदा तो नहीं है फिर तूने छिपकली को क्यों पैदा किया यानी कि छिपकली को पैदा करने के पीछे तेरी क्या मर्ज़ी है तेरा क्या मक़सद है और छिपकली को मारना सवाब है या गुनाह है हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम का ये सवाल सुनकर अल्लाह ने जो जवाब दिया उसको सुनकर आप लोग भी हैरान हो जाओगे इसलिए ये वाक़िआ आप सभी के लिए बहुत ही खास है इसे पूरा ज़रूर पढ़ें – हज़रत मूसा ने अल्लाह से पूछा ऐ अल्लाह तूने छिपकली को क्यों पैदा किया-Allah ne chipkali ko kyo paida kiya

हज़रत मूसा ने अल्लाह से पूछा ऐ अल्लाह तूने छिपकली को क्यों पैदा किया-Allah ne chipkali ko kyo paida kiyaहज़रत मूसा ने अल्लाह से पूछा ऐ अल्लाह तूने छिपकली को क्यों पैदा किया-Allah ne chipkali ko kyo paida kiya

दोस्तों अगर हम अपनी रोज़ाना की ज़िन्दगी पर ग़ौरो-फिक्र करें तो हमें इस दुनिया में बहोत सी ऐसी चीजें देखने को मिलती है जो हमें बिल्कुल भी बेफायदा लगती है या फिर किसी चीज़ से हमें कोई तकलीफ पहुंचती है तो हमें ये लगता है कि ये तो बिल्कुल बेकार चीज़ है इसको अल्लाह तआला ने क्यों पैदा फरमाया है मगर याद रखें दोस्तों अल्लाह तआला ने इस क़ायनात की कोई भी ऐसी चीज़ बिना किसी मक़सद या बेकार में पैदा नहीं फरमाए इस बात को हम इंसान कभी जान नहीं सकते हैं की अल्लाह तआला ने किस चीज़ को क्यों पैदा फरमाया है.

अल्लाह पाक हर चीज़ के बारे में बेहतर जानने वाला है इसी तरह से अल्लाह ने कोई भी मखलूक बे मकसद बेकार और बेफायदा पैदा नहीं किया है चाहे वो कोई भी मखलूक क्यों ना हो चाहे वो इंसान हो शैतान हो या जिन्नात हो या फिर इस दुनिया के छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े हो हर चीज को अल्लाह तआला ने मक़सद के साथ पैदा फरमाया है इसीलिए किसी को ये बिल्कुल भी हक नहीं है कि वो अल्लाह की बनाई तख़लीक़ पर ऐतराज़ करे अल्लाह की पैदा की गई किसी चीज़ पर नाराज़गी का इज़हार करें क्योंकि अल्लाह तआला अपनी तख़लीक़ के फायदों से खूब अच्छी तरह से वाकिफ है.

चाहे कोई भी चीज़ हमें कितनी भी छोटी और बेकार क्यों न लगती हो दोस्तों जैसा कि आप सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम अल्लाह से हमक़लाम हुवा करते थे यानी कि अल्लाह से बातें किया करते थे अक्सर हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम कोहतूर की पहाड़ी पर जाकर अल्लाह से बात करते थे उस वक्त अल्लाह तआला ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम को इतनी सारी हिक़मत और शिफत अता फरमाई जो इंसान के लिए एक बहोत बड़ी नसीहत है और सही तरीके से जिंदगी जीने के लिए बहुत ही फायदेमंद है.

हज़रत मूसा ने अल्लाह से पूछा ऐ अल्लाह तूने छिपकली को क्यों पैदा किया-Allah ne chipkali ko kyo paida kiya

इसी तरह से एक मर्तबा हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम कोहेतूर की पहाड़ी पर अल्लाह से हमक़लाम होने के लिए गए कोहेतूर पर जाकर आप अलैहिस्सलाम एक दरख़्त के नीचे खड़े होकर अल्लाह से बात करने लगे उस दरख़्त के ऊपर एक छिपकली थी जिसने आप पर पेशाब कर दिया उसके छींटे आकर आप हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के कपड़ों पर गिर गई ये देखकर आप अलैहिस्सलाम को उस छिपकली पर बहोत गुस्सा आया और आपने फ़ौरन अल्लाह की बारगाह में सवाल कर दिया आप अलैहिस्सलाम ने अल्लाह से पूछा या अल्लाह तूने इस छिपकली को क्यों पैदा किया है इसको पैदा करने में तो तुझे कोई फायदा नहीं है

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम का ये सवाल सुनकर अल्लाह तआला ने जवाब दिया ऐ मूसा ये छिपकली भी पिछले 30 सालों से मुझसे यही सवाल कर रही है ये छिपकली पूछ रही है की ऐ अल्लाह तूने इस मूसा को क्यों पैदा किया है मुझे तो मूसा का कोई भी फायदा नज़र नहीं आ रहा है छिपकली ये सवाल इस लिये कर रही थी क्योंकि हज़रत मूसा को उस छिपकली को न तो कोई दावत देनी थी न तो तब्लीग़ करनी थी न तो उसको कोई खाना पानी देना था इस लिए वो छिपकली को उनका कोई फायदा नज़र नहीं आ रहा था

उसके बाद अल्लाह ने  हज़रत मूसा से फ़रमाया ऐ मूसा 30 सालों से ये छिपकली मुझसे यही सवाल कर रही है की अल्लाह तूने मूसा को क्यों पैदा फरमाया और ऐ मूसा आज तू मुझसे ये पूछ रहा है की अल्लाह तूने इस छिपकली को क्यों पैदा किया है ऐ मूसा ये मैं ही जानता हूँ की मैंने इस छिपकली को किस मक़सद के साथ पैदा किया है और मूसा को किस हिक़मत के साथ में पैदा फरमाया है ऐ मूसा अल्लाह ने  मख्लूक़ को कसी मक़सद और हिकमत के साथ पैदा किया है और जो फायदा मक़सद किसी एक मख्लूक़ से है वो मक़सद किसी दूसरी मख्लूक़ में नहीं हो सकता है

आगे अल्लाह ने फ़रमाया ऐ मूसा याद रखना अल्लाह ने छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े पैदा किए हैं और छोटे-मोटे जानवर पैदा किए हैं सबकी अलग-अलग हिकमत और सबका अलग मक़सद है दोस्तों फिर हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के दौर में ही एक बनी ईसराईल की औरत आपकी बारगाह में आई और सवाल करने लगी ऐ मूसा अल्लाह ने छिपकली को क्यों पैदा किया है ये तो किसी भी काम की नहीं है देखने में भी कितनी बद सूरत लगती है इसकी शक्ल-सूरत भी ऐसी है कि डर लगे ये छिपकली तो किसी भी काम की नहीं है फिर अल्लाह ने इसको क्यों पैदा किया है.

ये सुनकर हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने फरमाया ऐ औरत ये छिपकली भी अल्लाह से यही सवाल कर रही है ऐ अल्लाह तूने इस इंसान को क्यों पैदा किया है ये ना शुक्र ये बेसब्री लड़ने और झगड़ने वाला इस ज़मीन पर फसाद करने वाला एक दूसरे से नफरत करने वाला इसकी तख़लीक़ से तुमको क्या फायदा है छिपकली का ये सवाल सुनकर अल्लाह तआला ने जवाब दिया मैं अपनी तख़लीक़ और फायदे ज़्यादा वाक़िफ़ हूं इसीलिए हम सब को चाहिए कि अगर किसी की मख्लूक़ की पैदाइश हमारी समझ में नहीं तो फिर भी हर हाल में अल्लाह शुक्र अदा करना चाहिए।

इसी तरह से दोस्तों एक शख्स एक मर्तबा हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हो की बारगाह में हाज़िर हुवा और अदब के साथ अर्ज़ करने लगा या हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हो छिपकली को मारना गुनाह का काम है या सवाब का काम है उसके बाद हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हो ने फरमाया ऐ शख्स याद रखना इस ज़मीन पर कुछ मख़लूक़ात ऐसी है जो इंसानों से नाखुश हैं और वो शैतान से वादा किये हैं कि वो इंसान को हर तरह से नुकसान पहुचाएंगे उन्हीं में से एक है छिपकली और इससे जुड़े कुछ और भी मख़लूक़ात है.

ऐ शख्स याद रखना ये छिपकली शुरू से ही इंसानों की दुश्मन रही है इसी लिये उसको मारना कोई भी गुनाह का काम नहीं है ये सुनकर उस शख्स ने कहा या अली आपने फ़रमाया की छिपकली और इससे जुडी कुछ मख़लूक़ात ने इंसानों के साथ में दुश्मनी की है और शैतान की बात मानते है  या अली ये कब और कैसे हुवा इतना सुनते ही हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हो ने फ़रमाया ऐ शख्स हज़रत आदम अलैहिस्सलाम के दुनिया में आने से लाखों साल पहले इस ज़मीन पर छिपकली का खानदान बड़ी तादाद में फैला हुआ था.

और धीरे-धीरे इसका खानदान बहोत बड़ा होने लगा था यहां तक कि इन्होंने इस ज़मीन को जहन्नम की तरह बना दिया था उस वक्त इस छिपकली के खानदान ने इस ज़मीन पर बहोत ज़्यादा ज़ुल्म किए ये देखकर अल्लाह तआला ने इस ज़मीन पर अपना अज़ाब नाज़िल कर दिया और इसके नस्ल को खत्म कर दिया मगर उस वक्त में कुछ छिपकली जो बहोत छोटी थीवो बच गई और वो इस ज़मीन के ग़ार और पानी में जाकर छुप गई फिर जैसे-जैसे वक्त गुज़रता गया वो बची हुई छिपकली बुग्ज़ और हसद की वजह से बढ़ती रही यहां तक कि.

हजरत आदम अलैहिस्सलाम का ज़माना आ पहुंचा उस वक्त शैतान ने इस मख्लूक़ के वजूद में ये बात डाल दी कि तुम्हारी नस्ल को इसी आदम के लिए खत्म किया गया था बस तभी से इस नस्ल की मख़लूक़ात इंसानों से नफरत करने लगी है और तभी से इस कोशिश में लगी हुई रहती है कि वो इंसानों को हर तरह से नुकसान पहुंचाती रहे ऐ शख्स याद रखना ये वाहिद मख़लूक़ात ऐसी है जब नमरूद ने अल्लाह के नबी हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को आग में डालने का इरादा किया तो हर जानवर उस आग को बुझाने की कोशिश कर रहा था मगर ये छिपकली खुश होकर उस आग को भड़कारही थी ताकि नुकसान पहुंचे.

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और तभी से इसको मारना या या अपने घर से भगा देना कोई भी गुनाह का काम नहीं है बल्कि ऐसा करने में अल्लाह ने सवाब रखा है उम्मीद करता हूं कि आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आई होगी अगर पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे और लोगों तक शेयर करें और इसी तरह की इस्लामी मालूमात हासिल करने के लिये हमारी वेबसाइट पर और पोस्ट पढ़ेंहज़रत मूसा ने अल्लाह से पूछा ऐ अल्लाह तूने छिपकली को क्यों पैदा किया-Allah ne chipkali ko kyo paida kiya.

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