दज्जाल कब आएगा और अभी वो कहाँ क़ैद है? Dajjal story in hindi

दज्जाल कब आएगा और अभी वो कहाँ क़ैद है? Dajjal story in hindi

दस्तों आज हम बात करने वाले है दज्जाल के बारे में दज्जाल कब आएगा और अभी वो कहा क़ैद है दज्जाल की क्या कहानी है तो आप इसे पूरा ज़रूर पढ़े आपको आखिर में पता चल जाएगा की दज्जाल कब आएगा और अभी वो कहाँ क़ैद है- Dajjal story in hindi

एक मर्तबा मै समुन्दर के सफर पर निकला मुसाफिरों की कुल तादाद 30 थी और हम सब एक कश्ती पर सवार थे हमारा सफर बहोत ही सुकून के साथ कट रहा था की अचानक हवा चलना शुरू हो गई और समुन्दर में तूफ़ान आ गया ज़्यादा हवा और तूफानी लहरों की वजह से हमारा कश्ती और समुन्दर में मौजूद सभी कश्ती चलती जाती कश्ती के मुसाफिर इस वजह से परेशान हो गए और हर कोई अपने अपने खुदाओ को पुकारने लगा क्यों की किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की क्या करे अब समुन्दर में आने वाली हवाएं तरफ की बजाए हर तरफ कश्ती को अपनी लपेट में ले रही थी थक हार कर मल्लाह ने भी चप्पू छोड़ दिए और एक तरफ बैठ गया

दज्जाल कब आएगा और अभी वो कहाँ क़ैद है? Dajjal story in hindiदज्जाल कब आएगा और अभी वो कहाँ क़ैद है? Dajjal story in hindi

अब हम में से हर किसी को ये यकीन हो गया था की मौत अब यकीनी है सूरज गुरुब होने को था और इसकी रौशनी धीरे-धीरे ख़त्म होती जा रही थी शाम का अन्धेरा और मंज़िल का भी कुछ पता नहीं ये भी किसी को पता नहीं था की कश्ती किस तरफ जा रही है और समुन्दर की लहरे कब तक कश्ती को सलामत रहने देंगी इस खौफ की हालत में रात गुज़र गयी और सुबह की हलकी रौशनी आने लगी जससे हर तरफ उजाला ही उजाला हो गया कश्ती के रत भर हिचकोले खाने के बाद कसी को कुछ पता न था की हम कहा पहुँच गए हैं

फिर अगला दिन भी इसी हाल मे गुज़रा और इसी तरह से दिन के बाद रात और रात के बाद दिन आती गयी और हमारी कश्ती को समुन्दर में फसे हुए पूरे 30 दिन गुज़र गए फिर अचानक 30 दिनों के बाद भूले भटके मुसाफिरों को दूर से ऐसा नज़र आया जैसे कुछ दरख़्त समुन्दर में खड़े हों 30 दिन से मुसीबत में फसे हुए  मुसाफिरों को ये मंज़र देख कर उम्मीद की कुछ किरण नज़र आयी और मल्लाह ने जल्दी से वहां पहुँचने के लिए पूरी ताक़त के साथ चप्पू चलना शुरू कर दिए और कश्ती को तेजी के साथ उन दरख्तों के पास ले जाने लगा कश्ती में मौजूद मुसाफिर जिन्हे यकीन हो चुका था की अब मौत के सिवा कुछ नहीं उनके चेहरे पर ज़िन्दगी की उम्मीद नज़र आने लगी

फिर जैसे-जैसे कश्ती करीब होने लगी दरख़्त साफ़ दिखने लगे मल्लाह पूरी ताक़त के साथ कश्ती चला रहा था के सूरज गुरुब होने से पहले इन दरख्तों के पास पहुँच जाए ताकी कही ऐसा ना हो के अन्धेरा हों जाने के बाद हम इस आखिरी उम्मीद से भी हाथ धो बैठे फिर कश्ती आहिस्ता-आहिस्ता उन दरख्तों के पास बढ़ती रही और जब दरख़्त क़रीब हुए तो सारे मुसाफिरों को जानकार ख़ुशी हुई की ये समुन्दर में वाक़ई कोई जज़ीरा है अभी तो सूरज मुक़म्मल ग़ुरूब नहीं हुआ था की कश्ती जज़ीरे के किनारे पहुँच गयी

मुसाफिरो को उस जज़ीरे पर उतरे ज़्यादा वक़्त नहीं हुआ था की दरख्तों में से एक अजीब क़िस्म का जानवर निकला उस जानवर के पूरे जिस्म पर बाल थे और इस तरह लम्बे और घने थे की ये भी पता नहीं चल रहा था की जानवर का अगला हिस्सा कौन सा है और पिछले हिस्सा कौन सा सारे मुसाफिर इस अजीबो-गरीब जानवर को देख कर हैरानो परेशान हो गए क्यों इनमे से किसी ने भी ऐसा जानवर देखा ही नहीं था और सारे मुसाफिर इस बात से बहोत परेशान होने लगे की ये क्या बला है एक मुसाफिर ने दूसरे मुसाफिर से पुछा की ये क्या चीज़ है

दज्जाल कब आएगा और अभी वो कहाँ क़ैद है? Dajjal story in hindi

जानवर ने मुसाफिर की ये बात सुन ली और मुसाफिर के जवाब से पहले वो जानवर खुद बोला मै जासूस हूँ जानवर के इंसानो की तरह बोलने पर तमाम मुसाफिर और परेशान हो गये क्यों की आज तक उन्हों ने किसी जानवर को इंसानी जुबान में बोलते हुए नहीं देखा था और ना ही सूना था और उसके बाद सब ये समझने लगे की ये ज़रूर कोई जिन्न है और हमारे सामने आ गया है  जासूसी का मक़सद क्या है और तुम किस के लिए जासूसी करते हो एक मुसाफिर ने हिम्मत करते हुवे उससे पुछा और उस जानवर ने कहा मै जिसके लिए जासूसी करता हु उसे तुमसे मिलने का बेहद शौक है और वो तुमसे बाते करना चाहता है लिहाज़ा तुम मेरे साथ चलो

ये सुनकर तमाम मुसाफिर हैरानो-परेशान चुप-चाप उसके पीछे चल दिए वो अजीबो-गरीब जानवर दरख्तों के बिच रास्ते में से होता हुआ एक महल के पास पहुँच कर खड़ा हो गया महल को चारो तरफ से बड़े-बड़े पेड़ों ने घेर रखा था मुसाफिर वहां पहुँच कर परेशान नज़रों से उसकी तरफ देखा और जानवर फिर आगे बढ़ते हुए सभी मुसाफिरों को एक बड़े दरवाज़े से ले जाते हुवे महल के अंदर पहुँचा दिया महल के अंदर पहुँचते ही सब ने देखा एक बहोत बड़ा शख्स ज़ंजीरों में जकड़ा हुवा था और रिहाई के लिए कोशिश कर रहा था

और मुसाफिरों ने इससे पहले इतने बड़े क़द और रोब वाले शख्स को कभी नहीं देखा था एक मुसाफिर ने हिम्मत करके पुछा तुम कौन हो? फिर ज़ंजीर में जकड़ा हुवा शख्स बोला मै कौन हु और क्या हूँ ये तो तुम जान ही जाओगे पहले ये बताओ तुम कौन हो? मुसाफिर ने कहा हम अरब से लखाम और जज़म के लोग हैं और साथ ही उस मुसाफिर ने अपने साथ बीती और वहां तक पहुँचने के सारे हालात को बता दिया फिर क़ैद में जकड़ा हुवा शख्स बोला की ज़रा मुझे नखलिस्तान और बेसान के बारे में बताओ

मुसाफिर ने कहा उसके बारे में क्यों जानना चाहते हो? क़ैद में जकड़ा हुआ शख्स बोला बहोत ही जल्द वहां फल लगना बंद हो जायेगा फिर वो क़ैदी बोला अच्छा मुझे दरयाओं के बारे में बताओ क्या दरिया में पानी है मुसाफिरों ने कहा हाँ दरिया में पानी है फिर उसने कहा बहोत ही जल्द उसका पानी ख़त्म हो जाएगा फिर वो कहने लगा मुझे ज़गार के चश्मे के बारे में तो बताओ मुसाफिरों ने कहा तुम क्या पूछना चाहते हो? तो उसने कहा की क्या चश्मे में पानी है अगर है तो क्या वहाँ के लोग उस पानी से खेती वगैरह करते है

फिर उसने पुछा अच्छा मुझे मुसलमानो के नबी हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के बारे में बताओ मुसाफिरों ने कहा उन्होंने मक्का शरीफ से अपनी दावत का आगाज़ किया और अब वो मक्का शरीफ से निकलकर मदीना शरीफ में मौजूद है क़ैद में जकड़ा हुआ शख्स पुछा क्या वो अरब के लोगों के साथ कोई लड़ाई लड़े और अरबो ने लड़ाई में उनके साथ क्या सुलूक किया फिर मुसाफिर ने कहां लड़ाई में वो अरबों पर ग़ालिब रहे और बहोत से अरबों ने उनकी इताअत भी क़ुबूल कर ली और अब वो खुद को उनकी ताबेदारी में रखते हैं

दज्जाल कब आएगा और अभी वो कहाँ क़ैद है? Dajjal story in hindi

ये सुनते ही वो गुस्से से फटकारा और ज़ंजीरों को झटका दिया फिर मुसाफिरों का सामना करते हुवे बोला अब मै तुमको अपने बारे में बताता हूँ फिर उसने कहा मैं दज्जाल हूँ और तुम्हारी बातों से मुझे मालूम हुआ की मुझे यहाँ से निकलने इजाज़त मिलेगी फिर मै इस जज़ीरे से निकलूंगा और 40 दिन में पूरी दुनिया घूमूँगा दुनिया की कोई बस्ती या गाँव ऐसा ना होगा जहाँ से मेरा गुज़र न हो

हाँ मक्का और मदीना में जाना मेरे बस से बहार है मुझे वहां जाने की इजाज़त नहीं मै इन दोनों शहरों में दाखिल होने की कोशिश भी करूँगा तो मेरे आगे फ़रिश्ते रुकावट बन जाएंगे उनके हाथों में तलवारे होंगी और वो मुझसे लड़ेंगे ये दास्तान हमें एक सहाबी हज़रत तमीम दारी रज़ियल्लाहु तआला अन्हो ने सुनाई जो इस्लाम क़ुबूल करने से पहले ईसाई थे और ये अजीबो ग़रीब वाक़्या देखने के बाद आप अल्लाह के नबी हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के खिदमत में हाज़िर हुवे और इस्लाम क़ुबूल कर लिए

दोस्तों आगे दज्जाल के बारे में और भी जानकारी आप लोगो तक पहुंचाऊंगा इस बयां में दज्जाल की मुख़्तसर सी मालूमात दिया हु दज्जाल कब आये और किस तरह से वो फ़िटने फैलाएगा इस पर भी एक आर्टिकल जल्द ही लिखूंगा तब तक आप और भी दिनी मालूमात  bahareshariat.com पर पढ़ें हिंदी में

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