बकरीद क्यों मनाई जाती है इसके पीछे क्या वजह है-Bakra eid kyu manaya jata hai

बकरीद क्यों मनाई जाती है इसके पीछे क्या वजह है-Bakra eid kyu manaya jata hai

अस्सलामु अलैकुम मेरे मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं बकरा ईद के बारे में की Bakra eid kyu manaya jata hai इसके पीछे का क्या वजह जिसे इस त्यौहार को पूरी दुनिया में बहोत ही ख़ुशी के साथ मनाई जाती है आज आपको बकरीद क्यों मनाई जाती है इसके पीछे क्या वजह है आपको सबकुछ पता चल जाएगा तो पूरा ज़रूर पढ़ें – बकरीद क्यों मनाई जाती है इसके पीछे क्या वजह है-Bakra eid kyu manaya jata hai.

बकरीद क्यों मनाई जाती है इसके पीछे क्या वजह है-Bakra eid kyu manaya jata haiबकरीद क्यों मनाई जाती है इसके पीछे क्या वजह है-Bakra eid kyu manaya jata hai

दोस्तों अल्लाह अपने नबी और अपने बन्दों से बहोत प्यार करता है और उसका इम्तिहान भी ज़रूर लेता है इसी तरह हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम का भी अल्लाह ने इम्तिहान लिया  एक दिन हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम आराम कर रहे थे तभी आपको नींद आ गई और आप एक ख्वाब देखते है जिसमे अल्लाह तआला फरमाता है ऐ इब्राहीम अपनी सबसे प्यारी चीज़ मेरी राह में क़ुर्बान करो उसके बाद जब सुबह हुई तो हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने कहा नबी का ख्वाब कभी गलत और झूठा नहीं हो सकता हैं उस वक़्त हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के पास बहोत सारी ऊंट थी आपने 100 ऊँटों की क़ुर्बानी अल्लाह की राह में कर दी.

अगली रात आपने फिर वही ख्वाब देखा जिसमे अल्लाह की तरफ से हुक्म हो रहा है की ऐ इब्राहीम मेरी राह में अपनी सबसे प्यारी चीज़ क़ुर्बान करो तो दूसरे दिन आपने 200 ऊँटों की कुर्बानी दे दी तीसरी रात में फिर से वही आवाज आई तो आप सोचने लगे कि मेरी सबसे प्यारी चीज तो मेरा बेटा इस्माईल है उसके बाद आप सोचने लगे कि कहीं अल्लाह तआला ये तो नहीं देखना चाहता कि मैं सबसे ज़्यादा अपने बेटे इस्माईल से प्यार करता हूँ या अपने अल्लाह से जैसे ही आपके दिमाग में ये ख्याल आया तो आपने सोच लिया की मैं अपनी सबसे प्यारी चीज़ अपने बेटे इस्माईल को अल्लाह की राह में क़ुर्बान कर दूंगा.

Hazrat Ibrahim Aur Hazrat Ismail ka Waqia

फिर आपने हज़रत हाजरा से कहा ऐ हाजरा मेरे बेटे को नए कपड़े पहनाओ और खुशबू लगाकर इसे दूल्हे की तरह तैयार कर दो आज हम अपने दोस्त के यहाँ दावत में जा रहे हैं बीबी हाजरा खुश होकर अपने बेटे को तैयार करने लगीं फिर हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम अपने बेटे को लेकर फिलिस्तीन से मक्का की तरफ रवाना होने लगे तभी शैतान आया और बीबी हाजरा से कहने लगा ऐ हाजरा तुम्हें पता भी है इब्राहीम तुम्हारे बेटे को दोस्त के यहां नहीं बल्कि उसकी क़ुर्बानी करने ले जा रहे हैं तभी हज़रत हाजरा ने कहा मैं अपने इब्राहीम को अच्छी तरह से जानती हूं भला एक बाप अपने बेटे को क्यों मारेगा.

शैतान ने कहा इब्राहिम ने ख्वाब में देखा है की अल्लाह की तरफ से हुक्म हुवा है की वो इस्माईल की क़ुर्बानी करे अल्लाह की राह में ये सुनते ही बीबी हाजरा फख्र से कहने लगी शैतान तुझ पर अल्लाह की लानत हो अगर मेरा बेटा अल्लाह की राह में कुर्बान होने जा रहा है तो एक इस्माईल क्या ऐसे हज़ारों बेटे अल्लाह की राह में कुर्बान करने के लिये तैयार हूँ फिर शैतान हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम के पास गया और बोला तुम्हें पता भी है तुम्हारे बाबा तुम्हें कहां लेकर जा रहे हैं तुम्हे वो अल्लाह की राह में क़ुर्बान करने के लिए ले जा रहे हैं फिर हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम ने फरमाया अगर मैं अल्लाह की राह में कुर्बान हो जाऊं तो इससे बड़ी खुशनसीबी मेरे लिए और क्या होगी.

फिर शैतान यही सवाल लेकर हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के पास गया और कहा तुम अपने बेटे को क्यों क़ुर्बान कर रहे हो तुम्हे पता भी नहीं की तुम्हारी क़ुर्बानी क़ुबूल होगी या नही तभी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम पथ्थर उठाते हैं और शैतान को लानत कहकर शैतान को पत्थर मारते हैं बताया जाता है तभी से मक्का शरीफ में हज के दौरान शैतान को पत्थर मारा जाता है फिर आप आगे बढ़ने लगे आपने अपने बेटे इस्माईल से कहा की क्या आपको पता है की हम आपको अल्लाह की राह में क़ुर्बान करने के लिये ले जा रहे हैं ये सुनकर हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम ने कहा बाबा मेरे लिये इससे बेहतर और क्या होगा की मुझे अल्लाह की राह में एक अल्लाह के नबी कुर्बान करने के लिये ले जा रहे हैं.

हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम ने कहा बाबा मेरी एक इल्तजा है आपसे कि जब मेरा गला कटेगा तो आप देख नहीं पाओगे इस लिये रस्सी से मेरे हाथ और पांव बाँध देना बाबा मैं चाहूंगा कि आप भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध लें ताकि बाप और बेटे की मोहबत न बीच में आ जाए उसके बाद हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अपने बेटे के हाथ और पैर और अपने आंखों में पट्टी बांध ली और अपने हाथों में छूरी लेकर आसमान की तरफ देखा और कहा ऐ अल्लाह अगर तू मुझे हज़ार इस्माईल देता तो हज़ारों इस्माईल को तेरी राह में क़ुर्बान कर देता ये कहकर जैसे ही गर्दन की तरफ छूरी ले जाने लगे तो फौरन अल्लाह ने हज़रत जिब्रईल अलैहिस्सलाम से कहा.

अल्लाह ने हज़रत जिब्रईल से कहा की जन्नत से एक दुम्बा लेकर जाओ-Allah Ne Hazrat Jibrail Se Kaha Jannat Se Ek Dumba Lekar Jaao

ऐ जिब्रईल जन्नत से एक जानवर लेकर जा और इस्माईल को हटाकर उस जानवर को उसकी जगह रख दो इब्राहिम अपने इम्तिहान में पास हो गया है जैसे हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने छूरी को फेरा और खून निकलना शुरू हो गया तो आपने अपनी आँखों से पट्टी को खोला तो देखा की उनका बेटा सही सलामत है और हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम की जगह एक दुंबा जिसको हम भेड़ बोलते हैं वो क़ुर्बान हो चुका है हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह तआला का शुक्र अदा किया और ग़ैब से आवाज़ आई ऐ इब्राहीम तेरी ये इम्तिहान क़यामत तक याद रख्खा जाएगा और तेरी सुन्नत को ईमान वाले हर साल याद करेंगे और अल्लाह की राह में क़ुर्बानी पेश करेंगे तभी से ये सिलसिला शुरू हुआ.

ईद के 70 दिन बाद यानी 2 महीने बाद बकरा ईद मनाया जाता है हिंदुस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश तमाम देशों में 3 दिन तक ये त्यौहार मनाया जाता है और गल्फ देशों में 7 दिनों तक मनाया जाता है जिसमे दुम्बा बकरा ऊंट और हलाल जानवरों को क़ुर्बान किया जाता है कुर्बानी के गोश्त के 3 हिस्से किये जाते हैं पहला हिस्सा ग़रीबों मिस्कीनों के लिये दूसरा हिस्सा रिश्तेदारों के लिये और तीसरा हिस्सा अपने घर के लिए रखा जाता है बकरा ईद को ईदुल अज़हा भी कहा जाता है जो लोग क़ुर्बानी करते है वो ग़रीबों में ज़रूर तक़सीम करें.

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तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको हमारी ये पोस्ट- बकरीद क्यों मनाई जाती है इसके पीछे क्या वजह है-Bakra eid kyu manaya jata hai ज़रूर पसंद आई होगी अगर इस पोस्ट से आपको कुछ जानकारी हासिल हुई हो तो इसे और लोगों तक ज़रूर शेयर करें अल्लाह तआला से दुआ है की अल्लाह हम सबको अपने प्यारे नबी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नतों पर अमल करने की और ज़्यादा से ज़्यादा नेक काम करने की तौफ़ीक़ दे आमीन.

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