क्या है आब-ए-ज़मज़म और ये दुनिया में कब आया-abe zamzam water in islam
अस्सलामु अलैकुम दोस्तों आज हम जानेंगे आब-ए-ज़मज़म पानी के बारे में की क्यों दुनिया भर के मुस्लमान आब-ए-ज़मज़म को पीते है आज हम इसी के बारे में जानेंगे की क्या है आब-ए-ज़मज़म और ये दुनिया में कब आया और इस पानी को पीने के क्या फायदे हैं हज पर जाने वाले मुसलमान क्यों लाते हैं आब-ज़मज़म साथ में इस वाक़िआ को पूरा पढ़ें – क्या है आब-ए-ज़मज़म और ये दुनिया में कब आया-abe zamzam water in islam
एक दिन अल्लाह के नबी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को अल्लाह की तरफ से ये हुक्म हुवा की ऐ इब्राहीम अपनी बीवी हाजरा और अपने दूध पीते बच्चे इस्माईल को लेकर अरब की तरफ चले जाओ जहाँ कोई भी आबादी ना हो ये हुक्म सुनते ही अल्लाह के नबी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम अल्लाह के हुक्म के मुताबिक़ अपनी प्यारी बीवी हाजरा और अपने प्यारे बेटे इस्माईल को साथ लेकर अरब की तरफ सफर शुरू कर दिए सफर करते हुवे हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम सफा और मरवा नाम की दो पहाड़ों के बीच में रुक गए जहाँ उस वक़्त न कोई इंसान था न कोई परिंदा।
हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम अपनी बीवी और अपने बचे के पास थोड़ी सी खजूरें और थोड़ी सी पानी मस्कीजे में रखकर उन्हें वहाँ छोड़कर वापस जाने लगे इतने बीबी हाजरा आपके दामन को पकड़ती हैं और कहती हैं ऐ इब्राहीम आप हमें यहाँ क्यों छोड़ रहे हो हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया ऐ मेरी प्यारी बीवी ये अल्लाह का इम्तिहान है की मैं अपने बच्चे इस्माईल और अपनी बीवी हाजरा को यहां अकेला छोड़ कर वापस चला जाऊँ ये सुनकर बीवी हाजरा मुस्कुराती हैं और कहती हैं की ये अल्लाह का हुक्म है तो यक़ीनन अल्लाह हमारी हिफाज़त करेगा।
ये सुनकर हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम वहाँ से रुखसत हो गए और फरमाने लगे ऐ अल्लाह तेरे घर के पास जहाँ न पानी है और न कुछ खाने को उस जगह पर मैं अपनी प्यारी बीवी हाजरा और इस्माईल को छोड़कर जा रहा हूँ ताकि तेरा घर रौशन हो जाए और तेरी इबादत हमेशा यहाँ होती रहे और दुआ की ऐ अल्लाह लोगो के दिलों को इनकी तरफ फेर दे और इनके लिये इनके रिज़्क़ और पानी का इंतज़ाम कर ताकि ये तेरा शुक्र करते रहे बीवी हाजरा बच्चे को दूध पिलाती और जो थोड़ा सा पानी ली थी वो खुद अल्लाह का नाम लेकर पिया करती थी।
कुछ समय के बाद जब वो पानी ख़त्म हो गया और कोई भी खाने और पिने की चीज़ आपके पास नहीं बची जिसकी वजह से आपका दूध भी खुश्क हो गया कुछ वक़्त में आपके बेटे हज़रत इस्माईल को प्यास लगी तो आपने देखा की पानी भी ख़त्म हो चूका है आप अपने बेटे को वहां ज़मीन पर लिटा देती है और पानी की तलाश शुरू कर देती है आप हर तरफ जाती और पानी नहीं मिलता तो अपने बेटे के पास वापस आती तो देखती हैं की हज़रत इस्माईल प्यास तड़प रहे है तो आप वापस पानी की तलाश में सफा पहाड़ी पर चढ़कर देखती हैं की कहीं पानी नज़र आ जाए जब वहां से पानी नज़र नहीं आता तब मरवा नाम की पहाड़ी पर चढ़कर देखती की कहीं पानी नज़र आ जाए।
इस तरह से हज़रत हाजरा सफा और मरवा पहाड़ी के सात चक्कर लगा देती हैं लेकिन कहीं पानी नहीं मिला हज़रत इस्माईल को प्यास तड़पते देख कर आप अल्लाह से दुआ करती हैं की ऐ अल्लाह यहाँ कोई इंसान नहीं न पानी है और न कोई खाने की ग़िज़ा हमारी मदद फरमा हज़रत हाजरा ने अल्लाह पर यक़ीन रखा की ऐ अल्लाह मुझे यक़ीन है की तू मुझे और मेरे बच्चे को इस मुसीबत में अकेला नहीं छोड़ेगा थोड़ी देर मे ग़ैब से आवाज़ आती है की ऐ हाजरा अल्लाह ने तेरी दुआ क़ुबूल कर ली है और आने वाली नस्ल के लिये तेरे इस इम्तिहान को हम याद रखेंगे देख तेरा अल्लाह तेरे बच्चे की प्यास कैसे बुझाता है।
उसके बाद जहाँ हज़रत इस्माईल प्यास से तड़प रहे थे उनके क़दमों के पास अल्लाह का सबसे बड़ा फरिश्ता हज़रत जिब्रईल अलैहिस्सलाम आते हैं और अपना पर उस ज़मीन पर मारते हैं जहाँ हज़रत इस्माईल अपनी एड़ियाँ रगड़ रहे थे उसके बाद अल्लाह उस जगह से पानी का एक चश्मा जारी कर देता है बीवी हाजरा पानी को देखकर अल्लाह का शुक्र अदा करती हैं और वो पानी हर जगह फैलने लगती हैं उसे रोकने के लिए हज़रत हाजरा मिट्टियों के ज़रिये बंद बांधती है की पानी ना फैले।
दोस्तों आपको बता दूँ अल्लाह के प्यारे नबी हम सब के आक़ा मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया की अगर उस वक़्त बीवी हाजरा उस पानी को नहीं रोकती तो अल्लाह वो पानी पूरी ज़मीन पर फैला देता इसके बाद बीवी हाजरा अपनी और अपने बच्चे की प्यास उस पानी से बुझाती है उसके बाद हज़रत जिबरईल अलैहिस्सलाम फरमाते हैं ऐ हाजरा यहां अल्लाह का घर है घबराओ नहीं बहोत ही जल्द तुम्हारा शौहर इब्राहीम और तुम्हारा बेटा इस्माईल बैतुल्लाह (क़ाबा शरीफ) बनाएंगे जो रहती दुनिया के लिये अल्लाह की निशानी कही जाएगी।
फिर अल्लाह ने उनके आस-पास खजूर के दरख्त ऊगा दिए हज़रत हाजरा उस दरख्त से फल खाती और उस पानी को पीती अपने बच्चे के साथ रहतीं पानी और खाने की ग़िज़ा देखकर बहोत से परिंदे भी वहाँ उतरने लगे कुछ समय के बाद जराम क़बीले के लोग वहाँ से गुज़र रहे थे तो उन्होंने देखा की यहाँ इतने परिंदे क्यों हैं परिंदे तो वहाँ होते हैं जहाँ पानी होता है लेकिन हमने तो यहाँ कभी पानी नहीं देखा तो उन लोगों ने कहा की चलो देखते हैं जैसे ही वो लोग आब-ए-ज़म-ज़म के पास पहुंचे तो देखते हैं की एक बीवी अपने बच्चे के साथ वहाँ रह रही है और मीठा पानी ज़मीन से निकल रहा है।
हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम ने क़ाबा शरीफ को तामीर किया-Kaaba Shareef ki Taameer
बीवी हाजरा ने ज़म-ज़म के मोजज़े का वाक़िआ उन सभी लोगों को बताया और वहां मौजूद सभी कहने लगे हम तस्लीम करते हैं की अल्लाह की ख़ास रहमत इस ज़मीन पर है फिर उन लोगों ने बीवी हाजरा से कहा की आप हमें इजाज़त दें तो हम भी यहां रहने लगें और इस तरह इजाज़त पाते ही वहाँ लोग रहने लगे और अपने क़रीबी लोगो को भी वहाँ बुलाने लगे इसी तरह अल्लाह ने अपने घर की ज़मीन को आबाद कर दिया फिर अल्लाह ने हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को हुक्म दिया की जाओ इब्राहीम जहाँ तुमने अपने बीवी और बच्चे को छोड़ा था वहाँ मेरे घर की तामीर करो।
यह भी पढ़ें : बकरीद क्यों मनाई जाती है इसके पीछे क्या वजह है-Bakra eid kyu manaya jata hai
यह भी पढ़ें : ज़मज़म कुंआ
इसके बाद हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम ने क़ाबा शरीफ को तामीर किया आज भी अल्लाह का घर वहाँ आबाद है और जो कोई भी वहां जाता है बीवी हाजरा के उस इम्तिहान की याद में सफा और मरवा के चक्कर लगाता है बेशक अल्लाह अपने नेक बन्दों के इम्तिहान को आने वाले इंसानों के लिए सबक़ रखता है ताकि हर इंसान इस बात को जानले की अल्लाह मुसीबत में कभी भी अपने बन्दों को अकेला नहीं छोड़ता ऐ अल्लाह हर इंसान की दुआ हज़रत हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम हज़रत हाजरा और हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम के सदक़े में अपनी बारगाह में क़ुबूल और मक़बूल फरमा आमीन (क्या है आब-ए-ज़मज़म और ये दुनिया में कब आया-abe zamzam water in islam)
[…] क्या है आब-ए-ज़मज़म और ये दुनिया में कब … […]