Allah Par Yaqeen Rakho-अल्लाह पर यक़ीन रखो

Allah Par Yaqeen Rakho-अल्लाह पर यक़ीन रखो

अस्सलामु अलैकुम मेरे मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों आज हम आपके सामने बयान करने जा रहे हैं अल्लाह पर यक़ीन (Allah Par Yaqeen Rakho) करने की एक ऐसी कहानी जो ना सिर्फ हमारा ईमान ताज़ा कर देंगी बल्कि हमें ऐसी रौशनी भी दिखाएगी की अल्लाह पर क़ामिल यक़ीन किस तरह से इंसान को गरीब से अमीर और फकीर से बादशाह बना देता है इंसान को हर वक़्त अल्लाह से उम्मीद रखनी चाहिए अगर आज बुरे दिन हैं तो कल अच्छे वक़्त भी ज़रूर आएंगे कहानी ह -Allah Par Yaqeen Rakho-अल्लाह पर यक़ीन रखो

Allah Par Yaqeen Rakho-अल्लाह पर यक़ीन रखो

गरमान के बादशाह हज़रत मुज़फ्फर गरमान शाह थे जो की अपने वक़्त के एक बड़े अल्लाह के वली थे और आप ऐसे बादशाह थे की पूरी रात अल्लाह की इबादत में गुज़ार दिया करते थे और दिन को अल्लाह की मख्लूक़ की खिदमत करने में गुज़ार दिया करते आपकी एक बेटी थी जिससे उन्हें बहोत मोहब्बत थी और आपने अपनी बेटी की तरबियत दीनी माहौल में की आपकी बेटी भी नेक और परहेज़गार थी सब्र, तक़वा, इबादत, और अल्लाह पर यक़ीन क़ामिल था ये सब नेकियाँ आपकी बेटी में मौजूद थी जब बेटी जवान हो गई तो आपको उसकी शादी की फिक्र होने लगी शहज़ादी के लिये बड़े-बड़े ऊँचे रिश्ते आने लगे  बादशाह अल्लाह के वली थे इस लिए आप ये चाहते थे की मैं वो लड़का तलाश करूँगा जो नेक और परहेज़गार होगा जो अल्लाह का इबादत गुज़ार बंदा होगा जो अल्लाह के नबी का फर्माबरदार हो और Allah Par Yaqeen मज़बूत हो

शादी की फिक्र तो हर लड़की के माँ-बाप को होती है ये फिक्र सिर्फ उस वक़्त ही नहीं थी बल्कि आज भी हर लड़की के बाप को बेटी की शादी को लेकर फिक्र होती है की लड़का अच्छा और नेक हो इस फिक्र में बादशाह भी बहोत परेशान थे कि कहां तलाश करूँ नेक और परहेज़गार जिसका अल्लाह पर यक़ीन मज़बूत हो और इबादत गुज़ार हो नेक लड़का तलाश करने के लिये बादशाह रात में मस्जिदों के चक्कर लगाते की कौन ज़्यादा इबादत करता है क्यों की आप जानते थे की दुनियावी ज़िन्दगी गुज़ारने वाला और अल्लाह की याद में ज़िन्दगी गुज़ारने वाला इन दोनों में ज़मीन और आसमान जितना फ़र्क़ है लड़के की तलाश करते-करते आप मायूस होने लगे थे क्यों की आपको उस तरह कोई इबादत गुज़ार नहीं मिल रहा था

एक रात आप शहर से बाहर एक वीरान मस्जिद में पहुँचे तो आपने देखा कि एक नौजवान इबादत में मशरूफ है और उसकी आँखे आंसुओं से तर है और वो अल्लाह की बारगाह में रो-रोकर दुआ मांग रहा है बादशाह काफी देर उसे देखते रहे की ये नौजवान कब नमाज़ से फारिग हो और इससे कोई बात-चीत की जा सके बादशाह उसकी नमाज़ मुक़म्मल होने का इंतज़ार करते रहे जब उस नौजवान की नमाज़ मुक़म्मल हो गई तो बादशाह ने उसका हाल पुछा वैसे तो ये नौजवान बहोत गरीब था लेकिन इसके चेहरे पर नूर की बारिश थी इसके चहरे पर एक अलग सी चमक थी और अपनी ज़बान से अल्लाह का ज़िक्र कर रहा था

जब वो नौजवान नमाज़ से फारिग हो गया तो बादशाह ने उसका हाल पुछा तो उस शख्स ने अपना हाल बताया और कहा मै गरीब हूँ मेरे पास रहने के लिए कोई मकान भी नहीं एक टूटी हुई झोपड़ी है जिसका छत भी नहीं है उसी में रहता हूँ मेरे माली हालात भी अच्छे नहीं है बस अल्लाह पर यक़ीन है और वो हर दिन रिज़्क़ अता कर देता है फिर बादशाह ने पुछा की तुम्हारी शादी हो गई है तो उस नौजवान ने कहा ऐसे इंसान को भला कौन रिश्ता देगा जिसके पास रहने के लिए न तो एक अच्छा मकान है और ना तो रहने का कोई ठिकाना फिर आपने फ़रमाया की अगर गरमान के बादशाह की बेटी से तुम्हारा निकाह हो जाए तो वो नौजवान मुस्कुरा कर कहने लगा बाबा क्यों मुझसे आप इस तरह की बात कर रहे हो

जब की ये बात अच्छी तरह से आप भी जान गए हो की मेरी हालत क्या है कहाँ मैं और कहाँ बादशाह की बेटी और वैसे भी बादशाह के दरबार में तो बड़े बड़े लोग आते हैं उन्हें अपनी बेटी के लिए अच्छा लड़का मिल जाएगा उस शख्स ने सोचा की ये बूढ़ा आदमी ये कैसी बाते कर रहा है जो की हो ही नहीं सकता उसके बाद उसने कहा बाबा आप जाओ अपना काम करो उसके बाद बादशाह ने अपनी अंगूठी निकाली और उस शख्स को देते हुवे कहा की मुझसे वादा करो कल तुम बादशाह गरमान के दरबार में मुझसे ज़रूर मिलोगे और अगर तुम्हे अंदर आने से कोई रोके तो उसे ये अंगूठी दिखा देना वो खुद तुम्हे मुझ तक पहुँचा देंगे

Naujawan Badshah Ke Darbar Me Gaya-नौजवान बादशाह के दरबार में गया

सुबह वादे के मुताबिक़ वो नौजवान दरबार में पहुंचा दरबान ने रोका तो उसे वो अंगूठी दिखाई दरबान उसे बादशाह तक लेकर गया वो नौजवान ये देखकर हैरान हो गया की रात में मैंने जिससे बाते की वही बादशाह सलामत हैं उस नौजवान ने बादशाह से कहा मैं अपनी रात वाली बात पर आपसे शर्मिंदा हूँ अगर मैंने आपसे कुछ गलत कहा हो बादशाह ने नौजवान की आँखों में शर्मिंदगी देखी तो कहा परेशान मत हो मैं तुम्हारी किसी बात से खफा नहीं हूँ बल्कि मैं तो खुश हूं क्योंकि अल्लाह ने मुझे तुम जैसा दामाद दे दिया है बादशाह ने उसी वक़्त क़ाज़ी को बुलाकर निकाह पढ़वा दिया और उन्हीं कपड़ों में बेटी को रुख्सत कर दिया और अपनी बेटी को नसीहत की बेटी अच्छे बुरे हालात सब पर आते हैं बस सब्र से काम लेना और अल्लाह की रज़ा में खुश रहना मुझे यक़ीन है कि अल्लाह तुम्हारे साथ है और वो तुम्हें कभी भी भूखा नहीं रहने देगा

उसके बाद शहज़ादी ने आगे बढ़कर अपने शौहर को सलाम किया और मुबारकबाद दी और बोली की अब मैं आपके घर रहूंगी चाहे जैसे भी हालात हो हर हाल में अल्लाह का शुक्र अदा करुँगी वो नौजवान अपनी बीवी को लेकर अपने घर पहुंचा उसने दरवाज़ा खोला और दुल्हन ने अपना एक पाव अभी अंदर दाखिल ही की थी कि उसे घड़े पर पड़ा हुआ एक रोटी का एक टुकड़ा नज़र आ गया वो अपने शौहर से पूछी ये क्या है तो उस शख्स ने कहा की ये रोटी है रोज़ा रखने के लिए मैंने सुबह सेहरी के वक़्त पकाया था आधी रोटी सेहरी में खाई थी और आधी रोटी इफ्तार करने के लिए रख दिया हूँ ये सुनकर शहज़ादी ने कहा की तुम्हारा अल्लाह पर क़ामिल ईमान नहीं है तुम्हारा ईमान कमज़ोर है

शहज़ादी ने कहा जो अल्लाह तुम्हे सेहरी खिला सकता है तो वो तुम्हारे इफ्तारी का भी इंतज़ाम कर सकता है शहज़ादी ने कहा जाओ पहले इस रोटी को अल्लाह की राह में सदक़ा करके आओ उस नौजवान ने उस रोटी को अल्लाह की राह में सदक़ा कर दिया और उस रोटी के सदक़ा करने से और अल्लाह पर इतना क़ामिल ईमान रखने से अल्लाह तआला उनसे खुश हुवा और इसके बाद उनकी दुनिया बदल दी उन्हें अलग-अलग ज़रिये से रिज़्क़ अता करने लगा उनके रिज़्क़ में बरक़त हुई और वो जितना अल्लाह की बारगाह में सदक़ा करते बदले में अल्लाह उन्हें 10 गुना बढ़ाकर अता करता क्यों की अल्लाह पर उनका ईमान मज़बूत था वो जानते थे की अल्लाह जिसे चाहे दौलत दे और जिसे चाहे इज़्ज़त जिसे चाहे ज़िन्दगी और मौत दे

अल्लाह हर चीज़ का मालिक है जो कीड़े-मकौड़ों को खिला सकता है परिंदो से लेकर दुनिया की हर मख्लूक़ को रिज़्क़ अता करता है उसने हमें सारी मख़लूक़ में सबसे अफ़ज़ल बनाया है तो हमें कैसे भूखा रहने देगा दोस्तों आखिर अल्लाह उनके सदक़ा करने से और अल्लाह पर इतना मज़बूत ईमान रखने की वजह से उनकी दुनिया और आख़िरत दोनों बदल दी क्या आज हम अल्लाह पर इतना मज़बूत ईमान रखते हैं? आज हम अल्लाह की बारगाह में जाने के बजाए लोगों से मदद की उम्मीद रखते है जबकी वो खुद किसी न किसी का मोहताज होता है दोस्तों ये मुक़म्मल ईमान होना चाहिए की अल्लाह ही है जो हमें रिज़्क़ देता है और हम उसी से मदद मांगेंगे बेशक अल्लाह बेहतर अता करने वाला है वो बेहतर जानता है की हमारे लिए क्या सही है और क्या नहीं

दोस्तों आपको हमारी ये पोस्ट – Allah Par Yaqeen Rakho-अल्लाह पर यक़ीन रखो कैसीलगी निचे कमेंट में लिखकर बताये और पोस्ट को आगे लोगों तक शेयर करें अल्लाह हम सबके ईमान की हिफाज़त फरमाए और हमारा भी अल्लाह पर यक़ीन मज़बूत होना चाहिए अल्लाह हमें गरीबों से मोहब्बत करने की तौफीक अता फरमाए आमीन या रब्बुल आलमीन

सदक़ा और खैरात क्या है और इसकी फ़ज़ीलत क्या है-sadqa aur khairat ki fazilat

4 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *