Hazrat Isa Alaihis Salam Ki Shaitan Se Mulaqat-हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की शैतान से मुलाकात

Hazrat Isa Alaihis Salam Ki Shaitan Se Mulaqat-हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की शैतान से मुलाकात- किताब है हयातुल हैवान

Hazrat Isa Alaihis Salam Ki Shaitan Se Mulaqat-हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की शैतान से मुलाकात

हज़रत  ईसा अलैहिस्सलाम अल्लाह ताला के बड़े ही नेक और बुरगुज़िदा पैगंबर हुए हैं। आपका शुमार अल्लाह ताला के उन नबियों में होता है जिन पर अल्लाह ताला ने आसमानी किताबें नाज़िल फ़रमाई। हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम को अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की जानिब से इंजिले मुक़द्दस अता की गई थी। हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम नबी-ए-करीम सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम की आमद से क़ब्ल दुनिया में तशरीफ लाने वाले आखरी नबी हैं। हज़रत  ईसा अलैहिस्सलाम की जिंदगी भी बेइंतहा आजिज़ी और अल्लाह ताला के हुजूर मोहब्बत इनायत की उम्दा मिसाल है।

आज हम हज़रत  ईसा अलैहिस्सलाम की जिंदगी का एक इन्तेहाई दिलचस्प और सबक आमोज़ वाक्या बयान करेंगे जब हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की मुलाकात शैतान से बराहे रास्त हुई , वैसे तो शैतान और उसके चेले क़यामत तक लोगों के दिलों में वसवसे डालकर उन्हें गुनाहों पर उकसाते रहेंगे। लेकिन हमारे अंबिया किराम अलैहिस्सलाम जैसी नेक हस्तियों का भी शैतान मलऊन से कई बार सामना हुआ है, जिनके किस्से हमे वाक़्यात के किताबों में मिलते है, हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की शैतान से मुलाक़ात मज़मून के हिसाब से ये ज़बरदस्त वाक़या है जिसकी तफसील बयान करने के साथ-साथ हम आगे का मफ़हूम भी आपको समझाते रहेंगे।

Hazrat Isa Alaihis Salam Ki Shaitan Se Mulaqat

किताब हयातुल हैवान– में रिवायत है कि हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम का कही से गुज़र हो रहा था उन्होंने देखा कि शैतान आ रहा है और उसके साथ पांच खच्चर है जिनपर उसने सामान लाद रखा है ईसा अलैहिस्सलाम ने उससे पूछा की तुम्हारे पास ये सामान क्या है कहने लगा ये मेरा सौदा है जिसे मैं बेचने जा रहा हूं, अब उसका ये जवाब तो हैरान करने वाला था लिहाज़ा हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने उससे फिर सवाल किया अच्छा तुमहारे पास पांच खच्चर है तो तुमने इनमे सामान क्या-क्या लाद रखा है, शैतान कहने लगा ।

पहले खच्चर में – मैने ज़ुल्म लाद रखा है इसमें ज़ुल्म है ज़ुल्म हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम फरमाने लगे ज़ुल्म तुमसे कौन खरीदेगा, वह कहने लगा बादशाह खरीदेंगे दर हकीकत बादशाह तो अल्लाह ताला की अपनी अव्वल दर्जे की शिफ़्त है। वह खुद भी बादशाह है और अपने खास और नेक बन्दों को वो अपने शिफ़ाअत में से कुछ अता भी करता हैं। लेकिन यह भी देखा गया है कि दुनिया में  ज़्यादातर ज़ालिम बादशाह गुज़रे हैं। कुछ नेक भी गुज़रे हैं, लेकिन इस शुमार में बहोत कम बादशाहे जो नेक थे और अल्लाह से डरने वाले थे। फिर वो चाहे हमारे मुसलमान बादशाह हों या गैर मुस्लिम या अगर इस बात को आसान अल्फ़ाज़ में समझा जाए तो कह सकते हैं कि शायद ताकत का नशा बादशाह को उसके खुदा और दिल की नरमी से दूर कर देता है। तो शैतान ने जवाब दिया मैं ये ज़ुल्म बादशाहों को बेचूंगा, मुझसे ये ज़ुल्म बादशाह खरीदेंगे और वो लोगों पर ज़ुल्म करेंगें ।

दूसरे ख़च्चर में क्या है? उसके बाद हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने पूछा अच्छा दूसरे ख़च्चर में क्या है शैतान कहने लगा इसमें  तकब्बुर है। हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम फरमाने लगे अब ये तकब्बुर कौन ख़रीदेगा शैतान ने जवाब दिया, यह तकब्बुर जमींदार लेंगे। जमींदार की मिसाल कुछ यूं है कि अगर वो भूखा भी हो तो तकब्बुर उसमें ताजुर से ज़्यादा होता है, मैं ये ज़ुल्म ज़मींदारों को बेचूंगा, वह बड़े तकब्बुर से अपने ज़मीनों पर ये कहते फिरेंगे ये ज़मीन हमारी है और लोगों पर ज़ुल्मों ज़्यादती करेंगे।

तीसरे ख़च्चर में क्या है? फिर हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने पूछा, अच्छा अब यह बताओ कि तीसरे ख़च्चर में क्या है, वह कहने लगा। इसमें धोखा है, खयानत है, चक्र बाज़ी है। आप अलैहिस्सलाम ने हैरान होकर पूछा कि ये तुमसे कौन लेगा वो मलऊन बोला, यह मैं ताजीरों को दूंगा दुनिया के जितने ताजिर हैं मैं उनको खयानत बेचूंगा वो अपने माल में खयानत करेंगे। चक्करबाज़ी करेंगे धोखाबहि करेंगे और उससे मैं बहुत खुश हूं। हाँ मेरा ख्याल है के हम अपने आज के दौर को बगौर मुलाहिज़ा फरमालें तो मुझे नहीं लगता कि किसी बात की ज्यादा वज़ाहत करने की जरूरत है। लेकिन सभी ऐसे नहीं होते हैं कोई नेक भी होता है। लेकिन वो शायद लाखों में कोई एक होता होगा उसके बाद आप।

चौथे ख़च्चर में क्या है ? आप अलैहिस्सलाम चौथे ख़च्चर की जानिब मुतवज्जेह हुए और फरमाया इस पर तुमने क्या लाद रखा है तो वह कहने लगा इसमें हसद और कीना है। आप अलैहिस्सलाम ने दरयाफ्त किया ये तुम किसे दोगे? शैतान बोला यह मैं उलमाए किराम को दूंगा। दुनिया के जितने उल्माए किराम हैं मैं उनको हसद बेचूंगा। वो एक दूसरे से हसद करेंगे एक दूसरे की इज़्ज़त उछालेंगे। एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए खुद को बड़ा साबित करेंगे दर हक़ीक़त हसद एक इन्तेहाई शैतानी चीज़ है हम किसी को अपने से बेहतर देख कर हसद करने लगते हैं। अल्लाह का हुक्म है हसद न करो ना हसद को सराने वाले बनो। जैसा कि हम देख लेते हैं की फलां बंदा हमारी किसी बात से हसद करता है तो हम उसे मजीद सताते हैं कि वह चिढ़ता रहे, उल्माए किराम फरमाते हैं दुनिया मे पहेला गुनाह कोई शिर्क नहीं था ना ही कुफ्र था बल्कि वह एक कत्ल था और उसकी वजह हसद थी काबिल को हाबील से हसद हो गया और उसी ने उसी आग में जलकर हाबील का क़त्ल कर दिया था। ये हसद ही है कि मैं अपने आप मे नुमाया जाऊं और सबकी निगाहें मुझ पर रहे, तो शैतान ने कहा कि मैं यह हसद उल्माए किराम को दूंगा ताकी वो अपने अपने इल्म के बलबूते पर एक दूसरे से हसद करें।

पांचवें और आखिरी ख़च्चर में क्या है ? उसके बाद आप अलैहिस्सलाम ने पांचवें और आखिरी ख़च्चर के बारे में सवाल किया कि अब यह बता दो की इस ख़च्चर में क्या है, वो कहने लगा इसमें मुकर है जो मैं औरतो को दूंगा। यहां औरतों से मुराद नेक औरतें नहीं बल्कि बदजलन और और मक्कार औरतें हैं जो अपनी बातो और हरकतों से लोगों में फ़ितना और फसाद पैदा करेंगी। तो ये वाक़या था जो हज़रत  ईसा अलैहिस्सलाम का शैतान से हुआ, जिसमें हमारे लिए गहरी वज़ाहते मौजूद हैं। हम तो नही देख सकते के शैतान क्या ला रहा है हज़रत  ईसा अलैहिस्सलाम अल्लाह के नबी थे अल्लाह ने उन्हें वो क़ूवत बख्सी थी जैसा के उसने अपने और नबियों को इख्तियार अता किया। दोस्तों हम तो नही देख सकते की शैतान क्या ला रहा है और किसे दे रहा है लेकिन हमें गौर करने की ज़रूरत है आज भी मुआशरे में हमे दूसरों से वही सब कुछ मिल रहा है जो सब हज़रत  ईसा अलैहिस्सलाम ने शैतान को अपने दौर में लाते हुए देखा।

मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों आज हमारे हुक्मरानों को देख लो कितने ज़ालिम और मज़लूमों पर जुल्म करने वाले हैं जब आते हैं तो बड़े-बड़े दावे करते हैं के हम ये कर लेंगे वो कर लेंगे। लेकिन मैंने आज तक कोई इंसाफ पसंद हाक़िम नहीं देखा। अज़ीज दोस्तों हमारे ताजीरों का हाल देख ले। कीस तरह वह चकरबाजी और नुसरबाजी से लोगों को लूटते हैं। आप रमजान का मुबारक महीना देख लें कि जैसे ही रमज़ान का मुबारक महीना आता है। तो ताजिर कैसे अपनी मनपसंद के रेट लगा लेते हैं और बिचारे ग़रीब सारा रमज़ान उन चीजों से  महरूम हो जाते हैं। आज हमारे उल्माए किराम का हाल देख ले मिम्बर पर बैठकर एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए क्या कुछ नहीं होता। यह वही हसद है जो हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम में शैतान को लाते हुए देखा था और ये बिल्कुल सच है और आज हम अपना हाल देख लें हम गुनाह करते वक़्त बिल्कुल भूल जाते हैं के हमें हमारा अल्लाह देख रहा है और तरह-तरह के फसाद करते है ये वही फसाद है जो हज़रत  ईसा अलैहिस्सलाम ने शैतान को लाते हुए देखा था।

मेरे मोहतरम अजीज दोस्तों मुझे नहीं लगता कि आज के दौर में हमें यह सब कुछ शैतान से लेने की जरूरत है क्योंकि शायद आज के दौर में शैतान को यह सब कुछ भेजने की कोई ज़रूरत नहीं ये सब कुछ हमने खुद अपना लिया है। चाहे ताज़िर हो, चाहे बादशाह हो, या हम खुद हों हर तरफ फसाद, ज़ुल्म ज़्यादती, धोखेबाजी और फसाद की आग लगी हुई है। अजीज़ दोस्तों इसी के साथ में इज़ाजत चाहूंगा। अगर आप दोस्तों को हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो कमेंट में अपनी राय का इज़हार जरूर कीजिए। आपके कीमती अल्फाज़ हमारे हौसले का बाइस होते हैं, आप हमारी इस वेबसाइट पर और मज़ीद आर्टिकल पढ़ सकते और अपनी दीनी मालूमात में इज़ाफ़ा करें। तब तक के लिए खुदा हाफिज़ अल्लाह पाक आप सबका हाफिज़ो निगहबान हो।

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