शिहाब भाई की ज़िन्दगी-shihab chittur life history

दोस्तों आज हम जानेंगे शिहाब भाई की ज़िन्दगी के बारे में शायद ही कोई ऐसा होगा जो शिहाब चित्तूर को नहीं जानता होगा ये एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने पूरे हिंदुस्तान को वो कर के दिखा दिया जो इस सदी में करना सबके बस की बात नहीं क्यों की इस समय शिहाब भाई अकेले वो सख्स होंगे जो केरल से मक्का शरीफ पैदल हज करने के लिए जा रहे हैं आज के समय में हर तरह की सहूलियत है हज पर जाने के लिए बहोत ही आसानी के साथ हज के लिए सफर किया जा सकता है लेकिन सलाम है शिहाब चित्तूर और उनके हौसले पर जिन्होंने ऐसे दौर में भी जब सारी सुविधा मौजूद है हज पर जाने के लिए लेकिन शिहाब भाई अल्लाह की रज़ा के लिए पैदल हज करने के लिए अपने घर से निकल पड़े हैं.

दोस्तों आज शिहाब भाई जिस जगह से भी गुज़र रहें है वहाँ हर धर्म और मज़हब के लोग उनका स्वागत कर रहे हैं और बहोत ही शानदार अंदाज़ में उनका फूल और माला के साथ इस्तेकबाल कर रहे हैं आज शिहाब चित्तूर ने सिर्फ हिन्दुस्तान के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोगों का दिल जीत लिया हैं इस लिए सबसे पहले शिहाब भाई के इस जज़्बे को दिल से सलाम करता हूँ अल्लाह तआला उनको हर मुसीबत और परेशानी से महफूज़ रखे दोस्तों आप भी उनके लिए दुआ ज़रूर करें। तो चलिए जानते हैं शिहाब भाई की ज़िन्दगी के बारे में.

इस पोस्ट में हम शिहाब भाई की ज़िन्दगी बारे में कुछ बाते जानने वाले हैं जो शायद ही आप लोगो को पता हो तो इसे आखिर तक ज़रूर पढ़ें दोस्तों सबसे पहले मैं आपको उनके इस सफर के बारे में बता दूँ की शिहाब भाई ने 2 जून 2022 को अपना ये पैदल सफर शुरू किये थे जो केरल से चलकर मक्का शरीफ तक पैदल हज का सफर पूरा करेंगे आने वाले हज में यानी जो 2023 में हज होगा। दोस्तों आपको बता दूँ शिहाब भाई का पूरा नाम शिहाब चित्तूर है इनकी पैदाइश 1993 में केरल राज्य के मल्लमपुरा जिला के कोटकल गाँव में हुवा था और अगर इस हिसाब से देखा जाए तो शिहाब भाई आज यानी 2022 में 29 साल के हो चुके हैं.

shihab bhai ki family-शिहाब भाई का परिवार

शिहाब भाई के माँ बाप दोनों भी हयात में हैं यानी ज़िंदा हैं और अल्लाह तआला उनकी उम्र में और बरक़त दे शिहाब भाई अपने माँ बाप के साथ ही रहते हैं शिहाब भाई की माँ का नाम ज़ैनब है और वालिद का नाम मोहम्मद सिद्दीक़ है एक बार एक इंटरव्यू में जब शिहाब भाई के इस सफर के बारे में पूछा गया तो शिहाब भाई ने बताया की बचपन में मेरी माँ हमेशा इस तरह की बाते बताया करती थी की बेटा पहले के ज़माने में आज की तरह हवाई जहाज और समुंदरी जहाज नहीं हुवा करते थे उस वक़्त लोग पैदल चलकर या फिर ऊँट पर सवार होकर मक्का शरीफ हज करने के लिए जाते थे और हज अदा करते थे.

उस वक़्त लोगों के सामने किस तरह की परेशानियाँ आती थी उनके सफर में और कितनी मुश्किल के साथ वो हज पूरा करते थे इन सभी बातों के बारे में जब मेरी माँ मुझे बताती थी तो मेरे दिल में भी ख्वाहिश होती की मैं भी पैदल हज करूँगा और अल्लाह के मुक़द्दस घर की ज़ियारत करूँगा शिहाब भाई ने कहा माँ की बातों को सुनकर मुझे हौसला मिलता और मेरे अंदर भी एक जज़्बा पैदा हो गया तब मैंने भी अल्लाह से दुआ मांगी की अल्लाह मुझे हिम्मत और ताक़त अता कर ताकि एक दिन मैं भी पैदल अल्लाह के मुबारक घर की ज़ियारत कर सकूँ आज मैं ये जो पैदल सफर कर रहा हूँइस नेक काम में मेरी माँ की दुआ शामिल जिन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया इस सफर के लिए.

शिहाब भाई की ज़िन्दगी-shihab chittur life history

अब अगर शिहाब भाई की शादी के बारे में बात की जाए तो आपको बता दूँ की शिहाब भाई की शादी हो चुकी है और इनकी बीवी का नाम शबाना है और इनके बच्चे भी हैं अब कितने बच्चे हैं तो इसकी हमें जानकारी नहीं है एक बार शिहाब भाई से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने बताया की मैं जब भी किसी से पैदल हज के सफर पर जाने की बात करता की मै एक दिन यहाँ से पैदल हज के लिए जाऊँगा तो लोग यक़ीन नहीं करते और मुझपर हस्ते थे किसी को ये यक़ीन नहीं था की इस ज़माने कोई पैदल इतनी दूर हज के लिए जा सकता है लोगो को मेरी बात पर यक़ीन नहीं था की इतने दूर का सफर भला पैदल कोई कैसे कर सकता है.

वो लोग भी कहते की आज ज़माने में हर तरह का साधन मौजूद है मक्का शरीफ जाने लिए तो कौन शख्स इस दौर में इतनी दूर पैदल सफर करके हज करने जाएगा इस लिए मेरी बाते किसी को यक़ीन नहीं होती थी लेकिन उस वक़त मेरी बीवी ने मेरा पूरा साथ दिया और उन्हें पूरा यक़ीन था की मैं पैदल हज करने जाऊँगा और उन्होंने मुझे हौसला दिया मेरे इस काम में और यही नहीं मेरी बीवी के साथ मेरी माँ भी मुझे हौसला देती मेरे इस नेक काम में और माँ को भी यक़ीन था की एक दिन इंशाअल्लाह मैं ज़रूर पैदल हज के सफर में जाऊँगा और मेरी माँ और बीवी मेरे लिए दुआ किया करते थे.

अब दोस्तों अगर हम शिहाब भाई की पढ़ाई यानी Education के बारे में बात करे तो आपको बता दूँ की शिहाब चित्तूर भारत के केरल राज्य से हैं और ये बात सभी को पता है पढ़ाई के मामले में केरल सबसे आगे है केरल Education यानी शिच्छा के मामले में हिन्दुस्तान में सबसे आगे है और यही वजह है की केरल के लोग भी काफी पढ़े लिखे होते हैं और Educated होते हैं हम बात कर रहे हैं शिहाब भाई कि तो आपको बता दूँ शिहाब भाई Graduate है और पेशे से एक डॉक्टर भी है.

अब अगर शिहाब भाई के इनकम यानी कमाई की बात की जाए तो आपको बता दूँ शिहाब भाई का केरला में शॉपिंग मॉल चलाते है जो Supermarket के नाम से चल रहा है और ये मॉल केरल के कांजीपुरम में है इस हिसाब से देखा जाए तो शिहाब भाई कोई ग़रीब इंसान नहीं है और ये एक अच्छे परिवार से भी हैं और उन्होंने पैदल हज पर जाने के लिए काफी पैसे भी खर्च किये हैं क्यों की इस सफर के लिए उन्हें 6 देशों की वीज़ा की ज़रुरत पड़ी है और इन्हे लगभग 1 साल तक पैदल चलकर ही सफर करना है.

दोस्तों रास्ते में न जाने कितनी मुश्किलें और कितने खर्च आएंगे जैसे की होटलों में रुकना और रास्ते के खाने पीने में काफी खर्च होगा इसके लिए इन्होने किसी से कोई पैसा नहीं लिया है बल्कि ये खुद अपने इंतज़ाम से जा रहें हैं इन्होने नेक इरादे से अल्लाह की राजा के लिए अपना ये सफर शुरू किया है अल्लाह तआला इन्हे इस सफर में कामयाबी अता करे दोस्तों आपको एक और बात बता दूँ शिहाब भाई इससे पहले सऊदी अरब में जॉब भी रह चुके हैं.

शिहाब भाई की इस पोस्ट को भी पढ़ें – शिहाब चित्तूर और पैदल हज का सफर-Shihab chittur and by walking hajj

shihab bhai kahan pahunche-शिहाब भाई कहाँ पहुँचे हैं

पैदल हज पर जाने के लिए उन सभी देशो की वीज़ा की ज़रुरत होगी जिन देशों उनको जाना है और शिहाब भाई को उन सभी देशों का वीज़ा मिल चूका है जिन देशों से होकर उन्हें हज के लिए जाना होगा फिर जब सभी देशो का वीज़ा मिल गया तो काफी समय तक शिहाब भाई अपने पैदल चलने की ट्रेनिंग भी करते रहे और आखिर में उन्होंने 2 जून 2022 में शिहाब भाई ने अपना ये पैदल हज का सफर शुरू कर दिया जो अभी तक चल रहे हैं जब हम ये पोस्ट लिख रहे हैं उस समय शिहाब भाई राजस्थान पहुंचे हैं.

सिहाब भाई पकिस्तान,ईरान,ईराक़, उसके बाद क़ुवैत से होकर सऊदी अरब पहुँच जाएँगे तो ये थी शिहाब भाई की ज़िनदगी के बारे में कुछ बातें जो हमने आप तक पहुंचाई दोस्तों आप सभी से गुज़ारिश यही है की आप भी उनके लिए दुआ करें की अल्लाह तआला उनके इस सफर को आसान करे और उनके सफर में आने वाली सभी मुसीबतों को ख़त्म कर दे और हम सभी को अपने मुक़द्दस घर की ज़्यारत नसीब फरमाए आमीन.

दोस्तों आखिर में एक बात और कहना चाहूंगा की शिहाब भाई की ज़िन्दगी के बारे में हमने जो भी बातें आपके साथ शेयर की ये सभी जानकारी इंटरनेट की मदद ली गई है अगर इसमें किसी तरह की गलती हुई हो तो आप सभी से इसके लिए माफ़ी चाहूंगा दोस्तों हमारे वेबसाइट से आप इस्लामी मालूमात हासिल कर सकते है और पोस्ट पढ़ने के लिए हमारी Website Bahareshariat.com को चेक करें अल्लाह हाफ़िज़ दुआ में याद रखियेगा अल्लाह तआला आप सभी को सलामत रखे.

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