Hazrat Mohammed SAW Aur Ek Yateem Bache Ka Waqia-यतीम बच्चे का वाक़्या

Hazrat Mohammed SAW Aur Ek Yateem Bache Ka Waqia-यतीम बच्चे का वाक़्या

दोस्तों आज हम आपको अल्लाह के प्यारे नबी हम सबके आक़ा मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम  का एक बहोत ही प्यारा वाक़्या बताने जा रहे हैं इस वाक़्या को पढ़कर आपका ईमान ताज़ा हो जाएगा वाक़्या है एक यतीम बच्चे और उसकी माँ का और अल्लाह के नबी ने किस तरह से उनकी मदद की वाक़्या पूरा पढ़ें – Hazrat Muhammed SAW Aur Ek Yateem Bache Ka Waqia-यतीम बच्चे का वाक़्या

Hazrat Mohammed SAW Aur Ek Yateem Bache Ka Waqia-यतीम बच्चे का वाक़्याHazrat Mohammed SAW Aur Ek Yateem Bache Ka Waqia-यतीम बच्चे का वाक़्या

अल्लाह तआला जो खुद तो दिखाई नहीं देता लेकिन हमारा सारा प्यार हमारी माँओं के दिलों में डालकर हमें अता कर दिया है इस खूबसूरत क़ायनात में जहां हर तरफ क़ुदरत के नज़ारे हैं वहां सबसे खूबसूरत हस्ती माँ है हमारी माँ का चेहरा चाहे जैसा भी हो औलाद के लिए वही सबसे खूबसूरत होती है अल्लाह तआला से दुआ है कि वो नबी और आले नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदक़े में हम सबकी माँओं को सेहत तंदुरुस्ती और खुशी वाली ज़िन्दगी अता फरमाए और जिनकी माँ इस दुनिया से गुज़र चुकी हैं उनके दरजात बुलंद फरमाएं (आमीन)

ये वाक़्या नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के ज़माने का है मक्का में एक बेवा औरत रहती थी वो मुसलमान नहीं थी बल्कि मुशरिक थी उस औरत का 8 साल का बेटा था वो दोनों बहोत ग़रीब थे बड़ी मुश्किल से गुज़र बसर हुआ करता था एक दिन माँ घर आई तो मासूम बच्चे ने के माँ के क़रीब आकर उससे कहा की माँ मैंने देखा है कि आप दूसरे बच्चों की माँओं की तरह नहीं हो उनके पास नए-नए कपड़े हैं और तुम्हारे पास तो मैले और फटे कपड़े हैं माँ ने बेटे की तरफ नज़र भर कर देखा प्यार से उसे अपने पास बिठाया और कहने लगी अच्छा तो मेरा बेटा इतना बड़ा हो गया है कि उसे अपनी माँ के हालात समझ आने लगे हैं फिर अपने बेटे को सीने से लगाया और रोते हुए कहने लगी बेटा तुम्हारा बाप मर चुका है और तेरी माँ अब बेवा है और तू यतीम है इसलिए मेरे पास पहनने के लिए अच्छे कपड़े नहीं हैं

तेरी माँ सारा दिन लोगों के घरों में काम करती है और जो कुछ भी आज तक कमाया है वो तुझ पर लगा दि हूँ तुझे खाना खिलाया ताकि तू भूखा ना रहे तेरे लिए कपड़े बनाए ताकि तेरा जिस्म ढाक सकूँ और तेरी परवरिश कर सकूँ ये कहकर माँ ने बेटे को गले लगाकर खूब रोई बेटे ने माँ को चुप करवाते हुवे कहा माँ तेरी चादर फट गई है ना मैं तेरे लिए नई चादर लेकर आऊंगा माँ पूछी की बेटा तू कहां से लाएगा तू तो अभी 8 साल का बच्चा है बच्चा बोला मैं चाचा से मांगकर लाऊंगा माँ ने कहा तेरे चाचा ने तो तेरे बाप की ज़मीन पर भी कब्जा कर रखा है वो तुझे चादर नहीं देगा बेटा बोला मैं ज़रूर जाऊंगा मैं चाचा से जाकर कहूंगा कि मैं तुम्हारा भतीजा हूं वो मुझे देख कर खुश होंगे

Bachacha Chadar Lene Apne Chacha Ke Paas Gaya-बच्चा चादर मांगने अपने चाचा के पास गया

मैं चाचा से कहूंगा की मैं ज़मीन लेने नहीं आया हूँ मैं अपनी माँ के लिए बस चादर लेने आया हूँ माँ मुस्कुराई और बोली बेटा तुझे पता भी है वो बहोत दूर रहते हैं तू 8 साल का बच्चा है कैसे जाएगा वहाँ तक बच्चे ने  जवाब देते हुवे कहा की माँ तू फिक्र ना कर मैं सब पता कर चूका हूँ माँ ने बेटे को चाचा के पास जाने की इजाज़त दे दी बेटे को नहलाया साफ-सुथरा कपड़ा पहनाया बच्चे के बाल सँवारे खुशबू लगाई और चाचा की तरफ रवाना कर दिया बच्चा पैदल चलता हुआ चाचा के मकान पर पहुँच गया जाकर देखा कि चाचा अपने साथियों के साथ बैठ कर शराब पी रहा है बच्चे ने अदब के साथ चाचा के पास जाकर चाचा कहके पुकारा

चाचा ने मुड़कर देखा और पूछा तू कौन है बच्चा बोला कि मैं आपका भतीजा हूं मैं आपसे माँ के लिये चादर लेने आया हूँ चाचा के सामने उसका 8 साल का भतीजा खड़ा था लेकिन चाचा बच्चे को प्यार करने के जगह उसने बच्चे को मारना पीटना शुरू कर दिया बचाओ-बचाओ कहकर वो बच्चा चीखता रहा इतना मारा की बच्चा लहू-लुहान हो गया साफ कपड़े खून से भर गए चाचा ने भतीजे को थप्पड़ मारे डंडे मारे वो बच्चा मुश्किल से अपनी जान बचाकर भाग गया उधर माँ का दिल बेचैन हो गया और वो अपने बेटे की खातिर घर से निकलकर दौड़ी ये सिर्फ मां और बेटे का प्यार था अभी बेटा माँ तक नहीं पहुंचा था लेकिन माँ उसके लिए बेचैन थी

बच्चा रोते-रोते घर जा रहा था कि रास्ते में एक आदमी ने बच्चे को रोका और पूछा ये हाल कैसे हुआ बच्चे ने सारा माजरा बता दिया कि मैं चाचा के पास माँ के लिए चादर मांगने गया था और चाचा ने मुझे मारा उस आदमी ने कहा सुनो खान-ए -क़ाबा में जाओ वहां तुम्हें मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम मिलेंगे उनसे अपनी माँ के लिए चादर मांगना वो ज़रूर देंगे बच्चे ने अपने आँसू पोछे और घर की तरफ चल दिया माँ के पास गया बेटे को इस हाल में देखकर उसकी माँ बहोत रोई उसे घर में ले गई घर ले जाकर उसे नहलाया खून साफ किया और उसके जख्मों पर मरहम लगा दी और कहने लगी मैंने तुझे मना किया था ना कि चाचा तुम्हें कुछ नहीं देगा

Hazrat Mohammed SAW Ke Paas Yateem Bachcha Chadar Mangane Gaya-मोहम्मद SAW के पास यतीम बच्चा चादर मांगने गया

बेटे ने कहा माँ मैं अब किसी और के पास जाऊंगा अगर मुझे इजाज़त दो वो मुझे चादर ज़रूर देंगे माँ ने कहा कौन है बेटा, बेटा बोला कि मोहम्मद माँ बेटे को डाँटते हुवे बोली अब इस घर में दोबारा मोहम्मद का नाम नहीं लिया जाएगा तुम्हें पता है बेटा वो जादूगर है मजनू है जो भी उनके पास जाता है वो उन्ही का हो जाता है माँ बोली तू उनके पास हरगिज़ नहीं जाएगा अल्लाह ताला ने इस बात का ज़िक्र कुरान-ए-पाक के 27 वे पारे में फरमाया है कि लोगों ने मेरे नबी को मजनू शायर और जादूगर कहकर पुकारा (Hazrat Mohammad SAW)

बेटे ने कहा माँ मैं उनका पता करके आया हूँ मैं उनसे कहूंगा की मुझे चादर चाहिए माँ मुझे एक बार उनके पास जाने दो माँ ने बड़ी मुश्किल से इजाज़त दे दी आपको बता दूँ माँ बेटे दोनों मुशरिक थे बच्चा काबा शरीफ की तरफ बढ़ा खान-ए- क़ाबा पहुँच कर अंदर दाखिल हुवा तो देखा की यहाँ तो बहोत लोग बैठे हैं इसमें  मोहम्मद कौन है बच्चे को अपना पहले वाला मंज़र याद आ गया जो की उसके साथ उसके चाचा ने किया था इस लिए बच्चा डरा हुवा था बच्चे की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वो किसी से पूछता कि मोहम्मद कौन है बच्चा दूर खड़ा देखता रहा

फिर उसने क़ाबा शरीफ के चक्कर लगाना शुरू कर दिया चलता रहा और देखता रहा फिर उसकी नज़र एक शख्स पर पड़ी वो बच्चा कहता है कि मैं उनको देखते ही समझ गया की यही मोहम्मद S.A.W हैं उनके चेहरे पर नूर ही नूर था वो खामोशी से नज़रे झुकाए बैठे थे बच्चा क़रीब गया और आहिस्ता से उनके कंधे पर हाथ रखा और कहा मोहम्मद आप  सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने पीछे मुड़कर देखा और कहा कौन हो बच्चा घबराया हुवा था बच्चा रोते हुए कहने लगा मैं एक यतीम हूँ मेरी माँ एक बेवा है और मुझे मेरी माँ के लिए एक चादर चाहिए मैं अपने चाचा के पास गया था लेकिन उन्होंने मुझे मारा और वहां से धक्के देकर निकाल दिया किसी ने मुझे कहा कि Mohammad SAW के पास जाओ वो तुम्हें चादर जरूर देंगे

नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम 8 साल के बच्चे के मुंह से ये अलफ़ाज़ सुनकर खड़े हो गए उसे सीने से लगाया और रोते हुवे फरमाने लगे मैं भी यतीम हूँ मेरी माँ भी बेवा थी मैं समझ सकता हूँ की यतीम की ज़िन्दगी गुज़ारना कैसा है आप रोते रहे और बच्चे के सर पर हाथ फेरते रहे उसे प्यार किया उसके बाद दोनों जहान के मालिकों मुख्तार हम सबके आक़ा मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने अपने कंधों पर से चादर उतारकर उस बच्चे को दे दी और फरमाया ये लो चादर और अपनी माँ को दे देना फिर उसके बाद अल्लाह के नबी ने फ़रमाया की बेटा अगर इसके बाद भी कुछ चाहिए हो तो मेरे पास आ जाना मैं तुम्हें ज़रूर दूंगा (सुब्हानअल्लाह)

अल्लाह तआला ने उस बच्चे को उसकी माँ के लिए दुनिया की सबसे खूबसूरत चादर अता फ़रमाई इस वाक़ये से माँ बेटे की मोहब्बत तो पता चलती है साथ ही साथ हमारे नबी ए करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का हुस्ने सुलूक भी मालूम होता है जो ये नहीं पूछते की माँगने वाला मुसलमान है या नहीं कलमा पढ़ता है या नहीं बल्कि सिर्फ इंसानियत के रिश्ते से ही इतने प्यार और मोहब्बत से मिलते हैं हमको हमारा दीन इस्लाम सिखाता है की किसी यतीम और बेवा की मदद करना कितना नेक काम है और यही इंसानियत है की हर इंसान अपने साथ दूसरों का भी ख्याल रखे

जश्ने ईद मिलादुन्नबी कब और क्यों मानते है-jashne eid milad un nabi kab aur kyo manate hai

मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों उम्मीद है की आपको हमारी ये पोस्टHazrat Mohammed SAW Aur Ek Yateem Bache Ka Waqia-यतीम बच्चे का वाक़्या पसंद आई होगी ऐसी और इस्लामी मालूमात हासिल करने के लिए हमारी वेबसाइट को चेक करें इस पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक शेयर करे अल्लाह हम सब की हिफाज़त फरमाए आमीन (Hazrat Mohammed SAW Aur Ek Yateem Bache Ka Waqia-यतीम बच्चे का वाक़्या)

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