हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और नमरूद का वाक़्या-Hazrat Ibrahim Alaihisalam

हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और नमरूद का वाक़्या-Hazrat Ibrahim Alaihisalam

मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों आज  हम हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और नमरूद और एक लंगड़े मच्छर का  वाक़्या जानेंगे कि किस तरह अल्लाह तआला ने एक लंगड़े मच्छर के ज़रिए नमरूद को निस्तो नाबूद कर दिया और उसे पूरी दुनिया के लिए सबक़ बना दिया दोस्तों नमरूद हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम का दुश्मन था और वो खुद को खुदा होने का दावा करता था अल्लाह तआला ने उसका क्या अंजाम किया ये आप इस वाक़्या में जान जाएंगे.

हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और नमरूद का वाक़्या-Hazrat Ibrahim Alaihisalamहज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम और नमरूद का वाक़्या-Hazrat Ibrahim Alaihisalam

इस ज़मीन पर हज़ारो साल पहले मशरिक और मग़रिब पर हुक़ूमत करने वाला एक बदतरीन बादशाह जो अपने आप को खुदा कहता था इसका नाम नमरूद बिन किनान बिन शाम बिन नूह था इसका तख्त बाबुल था ये पहला वो बादशाह था जिसने सबसे पहले ताज अपने सर पर रखा ताक़ि लोगों को मालूम हो कि उनका खुदा नमरूद है एक रात नमरूद ने एक ख्वाब देखा की एक तारा आसमान में इस तरह से चमक रहा है की उसके नज़दीक सूरज और चांद की रौशनी भी फीकी पड़ गई है.

जैसे ही नमरूद बेदार हुवा नींद से उठा तो उसने महल के नजूमियों से ख्वाब का मतलब पूछा तो उन्होंने बताया कि तुम्हारी सल्तनत में एक जवान ऐसा आएगा जो तेरा रौब और दबदबा खत्म कर देगा और तेरी इस हुक़ूमत को तबाह कर देगा बस नमरूद नजूमियों की ये बात सुनकर डर गया और हज़ारों बच्चों को मरवा दिया और एक फरमान जारी किया कि मर्द औरतों से दूर रहें लेकिन अल्लाह तआला को कुछ और ही मंजूर था और अल्लाह तआला जो चाहे वो होकर ही रहता है अल्लाह तआला ने अपने ख़ज़ाने में से अपने खलील यानी अपने नबी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को दुनिया में भेजा.

तारीख ने लिखा कि जब हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की पैदाइश हुई तब हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की वालिदा कई सालों तक उस इलाके से बाहर रहीं लेकिन नमरूद के ज़ुल्म के दर से उन्होंने अपने बेटे यानी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को एक ग़ार में छुपा दिया और बेटे को दूध पिलाने वो ग़ार में आती और दूध पिलाकर वापस बाबुल चली जाती  तक़रीबन सात साल तक आपकी वालिदा उस ग़ार में छुपकर अपने बेटे की परवरिश करती रहीं जब हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ज़मानए बुलुबियत की तरफ बढ़ने लगे तब हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के चाचा आज़ीर ने ये चाहा की इब्राहिम अलैहिस्सलाम उनके साथ आकर रहें और अपने चाचा के काम मे हाथ बटाए.

हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम जब शहर में आकर रहने लगे तब हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने देखा कि कोई सूरज की इबादत कर रहा है तो कोई आग को खुदा मान रहा है और कोई बुतों को अपना खुदा मान रहा है तो कोई नमरूद को खुदा कह रहा है तो हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम फरमाने लगे कि खुदा तो वो है जो हर चीज़ पर क़ुदरत रखता है ये सूरज तो शाम होते ही डूब कर ग़ायब हो जाता है ये कैसे खुदा हो सकता है और ये आग तो पानी से बुझ जाती है भला ये कैसे खुदा हो सकती है और ये नमरूद हमारी तरह सो जाता है बीमार हो जाता है ये खुदा कैसे हो सकता है.

ये बुत जिनको हमने ही अपने हाथों से बनाया ये भला कैसे खुदा हो सकता है एक बार जब सब लोग मेले में चले गए तो हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अपनी कुल्हाड़ी से सारे बुतों को तोड़ दिया और कुल्हाड़ी को वहां बने बड़े बुत के कंधे पर रख दिया लोग जब मेले से वापस आये तो उन्होंने देखा कि सारे बुत टूटे हुवे है सबने इस बात को मान लिया की ये काम हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम का है हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने इस पर कहा की देखो पूछो की शायद इस बड़े बुत ने ही इन सबको तोड़ा हो सब हैरत से इब्राहिम अलैहिस्सलाम से कहने लगे कि ये पुतला भला कैसे तोड़ सकता है.

उसके बाद हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम फरमाने लगे की मैं भी तो यही कहना चाहता हूं कि जब ये बुत किसी को तोड़ नही सकता तो फिर ये हमारा खुदा कैसे हो सकता है इसके बाद नमरूद आग बबूला हो गया और उसने ये हुक़्म दे दिया कि एक बड़ी आग जलाई जाए और इब्राहिम को इस तरह से उस आग में जलाया जाए कि लोग इससे एक सबक़ हासिल कर लें दो सालों तक लकड़ियों को जमा किया गया और एक बहोत बड़ी आग जलाई गई तो फरिश्तों ने अल्लाह तआला की बारगाह में एक फरियाद की ऐ अल्लाह हमें हुक़्म दे कि हम तेरे खलील को बचा सके

तो अल्लाह तआला ने फरिश्तों से कहा जाओ देखो अगर इब्राहिम तुमसे मदद चाहे तो ज़रूर उसकी मदद करना हर एक फरिश्ता हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के पास आकर कहने लगा की ऐ अल्लाह के नबी इब्राहिम आप हुक़्म करें की हम आपकी मदद करें तो हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने फरिश्तों से कहा ऐ फरिश्तों मेरा दोस्त मेरी मदद करेगा मेरा अल्लाह खुद मेरी हिफाज़त करेगा उसके बाद जैसे ही नमरूद ने लोगों को हुक़्म दिया कि अल्लाह के नबी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम को आग में डाल दिया जाए.

जब हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को आग में डाला गया-Hazrat Ibrahim Alaihissalam Ko Aag Me Daala Gaya

और जैसे ही हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को आग के अंदर डाला गया और आप आग के दरमियान पहुंचने ही वाले थे की अल्लाह तआला ने आग को हुक़्म दिया कि ऐ आग मेरे इब्राहिम पर ठंडी हो जा जैसे ही अल्लाह तआला ने आग को हुक़्म दिया कि ऐ आग तू मेरे इब्राहिम पर ठंडी हो जा तो वो आग हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के लिए गुलज़ार बन गई और हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम मुतमईन होकर उस आग के अंदर अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे हैं ये सब देखकर नमरूद की फौज हैरान और परेशान हो गई और नमरूद से कहने लगी.

कि ऐ नमरूद हमारे खुदाओं से ज़्यादा ताक़तवर तो इब्राहिम का खुदा है आग तो उसका कुछ भी नही कर पाई नमरूद ने कहा अच्छा ऐसा है उसके बाद हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम को बुलाकर नमरूद उनसे कहने लगा जाओ अपने खुदा को कह दो की कल वो अपनी फौज तैयार करे और मैं भी अपनी फौज तैयार करता हूँ कल मुक़ाबला रूबरू होगा नमरूद जो पूरी दुनिया पर हुक़ूमत करता था उस वक़्त ज़मीन का सबसे बड़ा बादशाह था उसने अपनी फौज को तैयार किया और एक ऊँची इमारत पर नमरूद खड़े होकर कहने लगा.

की कोई है मुझसे ताक़तवर तो मेरे सामने आए और मेरा मुक़ाबला करे उसके बाद अल्लाह तआला ने मच्छरों को हुक़्म दिया कि जाओ इस नमरूद की फौज को खत्म कर दो अचानक वहाँ बड़े-बड़े मच्छर आए और नमरूद की फौज के एक-एक शख्स का खून और गोश्त खा गए नमरूद बहोत हैरानी के साथ अपनी फौज का ये हाल देख ही रहा था की अचानक एक लंगड़ा मच्छर नमरूद की नाक में घुस गया नमरूद परेशान होकर अपने सर को दीवारों पर मारने लगा कोई मुंझे बचाए लेकिन अफसोस अल्लाह तआला का अजाब जब आता है तो कोई भी किसी को बचा नही सकता.

उसके बाद नमरूद भागता हुवा अपने महल में आया और बेचैन होने लगा और अपने खादिमों से कहने लगा की तुम सब लोग अपनी जूतों को उतारकर मेरे सर पर मारो उसके बाद उन लोगो ने अपने जूतों से नमरूद के सर पर जूते मारना शुरू किया जब नमरूद के सर पर कोई जूता मारता था उसे सुकून मिलता क्यों कि वो मच्छर नमरूद की नाक में से होते हुवे उसके दिमाग मे आकर पहुँच गया था वो मच्छर धीरे-धीरे उसके दिमाग़ को चाटता रहा  दोस्तों तारीख ने लिखा कि वो बदतरीन बादशाह जो अपने आप को खुदा कहलवाकर अल्लाह के बंदों को गुमराह करता था अब वो ही बंदे अपने जूतियों से नमरूद का सर पीटते थे और ऐसे ही तड़प-तड़प कर नमरूद मर गया.

और उसकी पूरी सल्तनत निस्तो नाबूद हो गई बेशक अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नही और वो ही है जो हर चीज़ पर क़ुदरत रखता है सलाम हो अल्लाह के नबी हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम पर मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों इस वाक़्या से हम सबको नसीहत और इबरत हासिल करनी चाहिये की अल्लाह तआला अगर चाहे तो किसी को भी एक पल में फिन्नार कर सकता है किसी को भी एक पल में हलाक़ कर सकता है दोस्तों अल्लाह तआला हर चीज़ पर क़ुदरत रखने वाला है.

इस वाक़्या से हमें सबक़ मिलता है कि नमरूद जो मशरिक़ और मग़रिब पर हुक़ूमत करता था जो अपने आप को खुदा होने का दावा करता था जिसको अपनी ताकत अपनी दौलत और अपनी शोहरत पर बहोत घमंड था उसे एक लंगड़े मच्छर ने हलाक़ कर दिया ये शान है परवरदिगार की वो चाहे तो कमज़ोर से कमज़ोर चीज़ को भी ताक़तवर पर क़ाबिज़ कर सकता है अल्लाह हर चीज़ पर क़ुदरत रखता है अगर वो ना चाहे तो एक पत्ता भी अपनी जगह से नही हिल सकता वो न चाहे तो न हवा चले और वो न चाहे तो ज़मीन अनाज न उगाए वो न चाहे तो इंसान साँस भी न ले सके.

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ये सब उसकी मर्जी से होता है और वो हर चीज़ पर क़ादिर है मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों ये नबियों के वाक़्यात क़ुरआन शरीफ में इस लिए बयान किये गए ताकि उम्मते मोहम्मदिया इन सब चीजों से इबरत हासिल करे उम्मीद करते हैं आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आई होगी इसी तरह की और इस्लामी मालूमात हासिल करने के लिये हमारी वेबसाइट bahareshariat.com पर और पोस्ट पढ़ें और इस वाक़्या को और लोगों तक शेयर जरूर करें.

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