दिल को सुकून कैसे मिलता है? Dil ke sukoon ki 5 chizen

दिल को सुकून कैसे मिलता है? Dil ke sukoon ki 5 chizen

अस्सलाम अलैकुम वरहमतुल्लाह वबराकातहु दोस्तों आज हम बाते करने वाले हैं दिल को सुकून किस तरह से पहुँचाए आज लोगों के दिलों में सुकून नहीं है सुकून के लिए लोग कोई कहीं घूमने जाता है, कोई डांस करता है, कोई म्यूजिक सुनता है, सुकून के लिए लेकिन क्या इससे सुकून मिलता है ? तो आइए अल्लाह के नेक वलियों के बताए हुवे तरीकों को जानते हैं जिसे करने से दिल को सुकून हासिल होता है.

दिल को सुकून कैसे मिलता है Dil ke sukoon ki 5 chizenदिल को सुकून कैसे मिलता है Dil ke sukoon ki 5 chizen

हज़रत इब्राहिम खवास रहमतुल्लाह अलैह अल्लाह के बहोत बड़े वली गुज़रे हैं इनका शुमार बड़े ऊंचे मर्तबे के बुजुर्गों में होता है वो फरमाते हैं कि दिल की दवाएं पॉंच हैं अगर इंसान इस पर अमल करे तो अल्लाह तआला दिलों को सुकून देता है और उसकी बेचैनी और परेशानियों को ख़त्म कर देता है तो चलिए जानते हैं वो कौन से पॉंच अमल है जिसे करने से दिल को सुकून मिलती है.

पहला अमल

पहला अमल ये है की इंसान क़ुरआन शरीफ को तदब्बूर के साथ पढ़े तदब्बूर के साथ पढ़ने का मतलब यह है कि क़ुरआन-ए- मजीद को समझ कर पढ़ना क़ुरआन शरीफ की हर रोज़ तिलावत करना, और क़ुरआन शरीफ को समझना और उस पर अमल करना क़ुरआन शरीफ में अल्लाह तआला ने हमें हर परेशानी से बचने का तरीक़ा बताया है लेकिन अफ़सोस हम क़ुरआन शरीफ की तिलावत से महरूम रहते हैं अल्लाह ताला से दुआ है की अल्लाह हमें क़ुरआन शरीफ को पढ़ने और समझने की तौफ़ीक़ आता फरमाए.

दूसरा अमल

दूसरा अमल ये है की इंसान का खाली पेट रहना यानी जब आपको भूख लगे तब आप खाना खाये कई बार हम इतना खा लेते हैं की सही से चल फिर भी नहीं सकते यानी पेट में ज़रा सी भी जगह नहीं बचती और थोड़ी देर बाद फिर भूख लगना शुरू भी नहीं होता फिर से खाना शुरू कर देते हैं यानी हर वक़्त कुछ न कुछ खाते रहते हैं पूरा दिन खाते-खाते गुजर रहा है और सोते-सोते दिन गुज़ार रहे हैं.

सुन्नत तरीका यह है की रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का मामूल ये था की आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम खाना तब खाते थे जब आप को भूख लगती थी और जब थोड़ी सी भूख बाकी होती थी तो खाना छोड़ देते थे तो दूसरी चीज़ यही है की इंसान थोड़ा खाली पेट रहे.

तीसरा अमल

तीसरा अमल ये है की रात को तहज्जुद पढ़ें प्यारे दोस्तों अगर सोचे तो हमने और आपने रात में कितनी बार तहज्जुद की नमाज़ पढ़ी है ? क्या कभी हम तहज्जुद की नमाज़ पढ़ने की सोचते भी हैं ? अगर आपको नहीं पता की तहज्जुद की नमाज़ कैसे पढ़ते है तो इस पर भी हमने पोस्ट लिखा है की तहज्जुद की नमाज़ किस तरह से पढ़ते हैं आपको बता दूँ तहज्जुद में नफिल नमाज़ पढ़ी जाती है ज़्यादा जानकारी लिए निचे लिंक मिल जाएगा आप उसे भी पढ़े.

चौथा अमल

चौथा अमल ये है की सेहरी के वक्त अल्लाह की बारगाह में गिड़गिड़ाना सेहरी के वक्त अल्लाह के सामने रोना अल्लाह से मांगना हम और आप अपने अंदर में झांके और सोचे कि कितनी बार हम उठे हैं और सेहरी के वक्त उठकर अल्लाह के सामने हमने हाथ फैलाए हो और अल्लाह से रोकर दुआ मांगी हो.

पाँचवाँ अमल

पाँचवाँ अमल ये है की स्वालीहीन की सोहबत इख़्तियार करना यानी नेक लोगो के साथ रहना और उनकी तरह ज़िन्दगी गुज़ारना उलेमा के साथ उठना बैठना वक़्त गुज़ारना और उनसे अच्छी-अच्छी बातें सीखना और उनके साथ अच्छे ताल्लुक़ात रखना और दीन दारों के साथ रहना जिनके दिल में अल्लाह और उसके रसूल की मोहब्बत और डर हो जो खुद भी गलत काम न करता हो और आपको भी बुरे कामों से बचाए.

दोस्तों ये वो पाँच अमल है जिसे करने से इंशाअल्लाह आपके दिल को सुकून हासिल होगा और बेचैनी ख़त्म हो जाएगी दोस्तों यही वो पाँच अमल हैं जिनके बारे में हज़रत इब्राहिम खवास रहमतुल्लाह अलैह ने फ़रमाया की अगर इंसान इस पांच अमल को करे तो उसके दिल को सुकून मिलेगा और उसकी बेचैनी ख़त्म हो जाएगी हज़रत इब्राहीम खवास रहमतुल्लाह अलैह फरमाते हैं ये पाँचों अमल दिल की दवाएँ हैं.

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मेरे प्यारे दोस्तों हम और आप दिल को सुकून दिलाने के लिए सुकून हासिल करने के लिए कौन सा अमल करते है, असल में ये चीजें हैं जिनसे हमारे दिल को सुकून हासिल होता है। क़ुरआन शरीफ में अल्लाह तआला ने फ़रमाया (अला-बे-ज़िकृल्लाहि-तत्मइन्नुल-क़ुलूब ) के दिलों को सुकून तो अल्लाह के ज़िक्र से मिलता है.

आज जब मै पढ़ रहा था तो ये बाते मेरे सामने आई तो मुझे लगा आप लोगों तक ये जानकारी शेयर करनी चाहिए और अगर आपका कोई सवाल हो तो आप कमेंट में हमसे पूछ सकते हैं अल्लाह तआला से दुआ है की हमें नेक और अच्छा इंसान बनने की तौफ़ीक़ अता फरमाए हर बुरे कामों से बचाए और आपसे गुज़ारिश है की इस पोस्ट को ज़्यादा लोगों तक शेयर करें ताकि इससे और लोग भी फायदा हासिल कर सके.

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