हज़रत मोहम्मद ﷺ और एक ऊँट का वाक़्या-Nabi SAW Aur Oont Ka Waqia

मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों आज हम एक बहोत ही खूबसूरत वाक़्या के बारे में जानने वाले हैं ये वाक़्या है अल्लाह के प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद और एक ऊँट का वाक़्या-Nabi SAW Aur Oont Ka Waqia हज़रत तमीम दारी रज़ियल्लाहो तआला अन्हो फरमाते हैं एक दिन हम हज़रत मोहम्मद ﷺ की बारगाह में हाजिर थे अल्लाह के प्यारे नबी हमें नसीहत कर रहे थे उसी समय एक ऊँट भागता हुआ आया और अल्लाह के प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद ﷺ के सर मुबारक के पास आकर खड़ा हो गया, और आपके के कान में कोई बात कहने लगा जिस तरह कोई इंसान किसी के कान के पास अपनी बात कहता है.

लेकिन वो ऊँट अपनी ज़बान में क्या कह रहा है हमें समझ नहीं आया, अल्लाह के नबी हज़रत मोहम्मद ﷺ ने फरमाया ऐ ऊँट बिलकुल घबरा और डर मत, अगर तू सच्चा है तो तेरा सच तुझे फायदा देगा. अगर तू झूठा है तो तुझे उस झूठ की सजा मिलेगी. बेशक जो मेरी पनाह में आ जाता हैं, अल्लाह तआला भी उसे अमान दे देता है और मेरी बारगाह में आने वाला कभी मायूस नहीं होता. हज़रत तमीम दारी रज़ियल्लाहो तआला अन्हो कहते हैं हमने पूछा या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ये ऊँट क्या कह रहा है, आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया इस ऊँट के मालिकों ने इसे ज़बह करके इसका गोश्त खाने का इरादा कर लिया था, तो ये उनसे भाग आया है और ये मुझसे मदद माँग रही है.

हज़रत तमीम दारी रज़ियल्लाहो तआला अन्हो कहते हैं हम सब अभी बात-चीत कर ही रहे थे की उस ऊँट के मालिक भी भागते हुए आये जब ऊँट ने उनको आते हुए देखा तो वो दोबारा अल्लाह के प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद ﷺ के सर मुबारक के करीब खड़ा हो गया और आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के पीछे छुपने लगा, उन मालिकों ने अर्ज़ किया या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम हमारा ये ऊँट 3 दिन से हमारे पास से भागा हुआ है और आज ये हमें आपकी बारगाह में मिला है उस पर आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया ये मेरे सामने शिकायत कर रहा है.

हज़रत मोहम्मद ﷺ और एक ऊँट का वाक़्या-Nabi SAW Aur Oont Ka Waqia

ये ऊँट कहता है की ये तुम्हारे पास कई साल तक पलता रहा जब गर्मी का मौसम आता तो तुम घास और चारे वाले इलाकों की तरफ इसके ऊपर सवार होकर जाते, जब सर्दी का मौसम आता तो तुम इस पर सवार होकर गर्म इलाकों की तरफ जाया करते थे. और अब जब ये खस्ताहाली की उम्र को पहुँच गया है इसकी उम्र बढ़ गई तो तुमने इसका गोश्त खा लेने का इरादा बना लिया है. उन्होंने अर्ज़ किया खुदा की कसम या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ये बात बिल्कुल इसी तरह है जैसे आपने बयान की है. उस पर अल्लाह के प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद ﷺ ने उस ऊँट के मालिकों से पुछा,

एक अच्छे खिदमत करने वाले की उसके मालिकों की तरफ से क्या यही इनाम होता है? वो कहने लगे या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम अब हम ना तो इसे बेचेंगे और ना ही इसे ज़बह करेंगे. उसके बाद आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने उस ऊँट को 100 दिरहम में उन लोगों से खरीद लिया और आपने कहा ऐ ऊँट जा तू अल्लाह की रज़ा की खातिर आज़ाद है, उसके बाद वो ऊँट अल्लाह के प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद ﷺ के सर मुबारक के पास अपना मुँह ले जाकर कोई आवाज निकाली तो आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया आमीन, उसने फिर दुआ की, आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया आमीन.

उसने फिर दुआ की तो आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फिर फरमाया आमीन, उसने जब चौथी बार दुआ की तो आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ग़मगीन हो गए और आपकी आँखों से आँसू बहने लगे, हमने पुछा या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ये ऊँट क्या कह रहा है आप सल्लल्लाहोअलैहि वसल्लम ने फरमाया उसने पहली दफा कहा ऐ नबी-ए रहमत ﷺ अल्लाह तआला आप को इस्लाम और क़ुरआन की तरफ से बेहतरीन जज़ा अता फरमाए मैंने कहा आमीन, फिर उसने कहा क़यामत के दिन आपकी उम्मत से इसी तरह ख़ौफ़ को दूर फरमाए जिस तरह आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने मुझसे ख़ौफ़ को दूर फरमाया है.

मैंने कहा आमीन फिर उसने दुआ की, अल्लाह तआला दुश्मनों से आपकी उम्मत के खून को इसी तरह महफूज़ रखे जिस तरह आप सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने मेरा खून महफूज़ फरमाया है, उसने फिर कहा अल्लाह तआला आपकी उम्मत के बीच दुश्मनी और नफरत पैदा न होने दें. ये सुनकर मुझे रोना आ गया क्योंकि यही दुआ मैंने भी अपने अल्लाह से मांगी थी तो अल्लाह तआला ने तीन दुआ तो क़ुबूल कर ली लेकिन उस आखिरी दुआ के लिए अल्लाह तआला ने फ़रमाया ऐ नबी-ए-रहमत आप इस दुआ को न माँगे.

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अल्लाह के हुक्म से हज़रत जिब्रईल अलैहिस्सलाम मेरे पास आए और उन्होंने ये पैग़ाम दिया की आपकी ये उम्मत आपस में जंग करके तबाह हो जाएगी. जो कुछ होने वाला है अल्लाह तआला उसे लिख चुका है. मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों अल्लाह के प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद ﷺ की हदीस मुबारक आज बिल्कुल सच साबित हो रही हैं. अल्लाह तआला से यही दुआ है की हम सब को समझने और नेक अमल करने की तौफीक अता फरमाए और हमें हर बुरे काम से बचाए. दोस्तों इस पोस्ट में हमने आपको बताया हज़रत मोहम्मद ﷺ और एक ऊँट का वाक़्या-Nabi SAW Aur Oont Ka Waqia अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे और लोगो तक शेयर ज़रूर करे.

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