दुरूद शरीफ पढ़ने के क्या फायदे हैं ? Darood sharif in hindi

जिस इंसान ने भी दुरूद शरीफ पढ़ा अल्लाह तआला ने उसको बड़ी-बड़ी कामयाबी अता कि दुनिया की कामयाबियाँ भी और आखिरत की कामयाबियाँ भी मेरे दोस्तों और मेरी बहनों वैसे तो दुरुद शरीफ के बहुत बड़े बड़े फायदे हैं। अगर इंसान उन फायदों को जानना चाहे तो उसके लिए बहोत ज्यादा वक्त चाहिए। लेकिन चंद बड़े-बड़े फायदे जो हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है।

Darood sharif in Hindi

दुरूद शरीफ पढ़ने के क्या फायदे हैं Darood sharif in hindi

फायदे बयान करने का मकसद यह होता है कि इंसान मोटिवेट हो सके लोगों को मालूम हो जाए कि मैं यह काम करूंगा तो इसका अंजाम क्या होगा। मुझे क्या-क्या इनाम मिलेगा अगर फायदे इंसान के सामने हो तो इंसान को बड़े से बड़ा काम मुश्किल नहीं लगता। इसलिए जो लोग फायदे सुनेंगे उनको पता होगा कि हम कसरत के साथ दुरूद पढ़ेंगे तो अल्लाह तआला हमें क्या-क्या आता करेगा तो वो और भी ज्यादा पढ़ेंगे जब उन्हेंऔर फायदे पता चलेंगे तो पहले जितना पढ़ रहे थे, उससे ज्यादा पढ़ने की कोशिश करेंगे।

इंसान का ज़हन ही ऐसा है जब हम फायदे सुनते हैं तो उस पर अमल करते हैं और ये कोई बुरी बात नहीं अगर कोई इंसान आपको फायदे ही न बताएं आपको फायदे पता ही ना हो। उनके बारे में कुछ मालूम ही न हो तो फिर कभी पढ़ लिया तो कभी नहीं पढ़े क्यों कि फायदों के बारे में तो पता ही नहीं जैसे की हमें नमाज़ के बारे में पता है कि नमाज़ पढ़ने से क्या होगा हम नमाज पढ़ते हैं हम कारोबार करते हैं, जॉब करते हैं.

हमें पता होता है कि इससे हमारा घर चलेगा तो हम और भी ज्यादा कोशिश करते हैं तो चलिए जान लेते हैं कि दुरूद शरीफ के कौन-कौन से फायदे हैं। एक बड़ा फायदा अल्लाह के हबीब सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का फरमान है। आप ने फरमाया कि जो इंसान सुबह को 10 बार और फिर शाम के वक्त 10 बार मेरे ऊपर दुरूद भेजेगा क़यामत के दिन उसके लिए मेरी शफ़ाअत होगी।

जिस बंदे के लिए क़यामत के दिन हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की शफ़ाअत होगी वो इंसान कामयाब हो जाएगा क़यामत के दिन किन लोगों की आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की शफ़ाअत करेंगे तो दुरूद शरीफ पढ़ने वाले शख्स के लिए क़यामत के दिन नूर हैं, जन्नत के रास्ते उनके लिए खोल दिए जाएंगे। जब उस शख्स को आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की शफ़ाअत मिल जाएगी तो वो शख्स जन्नत में दाखिल हो जाएगा।

सुब्हानअल्लाह, अल्लाह तआला का कितना बड़ा इनाम है मेरे प्यारे दोस्तों रोज़ाना कम से कम सुबह शाम 10-10 बार दुरूद शरीफ ज़रूर पढ़ा करें ये तो मै कम से कम कह रहा हूँ आप ज़्यादा भी पढ़ सकते हैं जितना ज़्यादा पढ़ेंगे अल्लाह की रहमत उतना ही ज़्यादा आप पर होगी और दुरूद शरीफ पढ़ने का एक और फायदा

आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो इंसान दिन में 1000 बार मुझ पर दुरूद पढ़ता है तो उस इंसान को उस वक्त तक मौत नहीं आएगी। जब तक वो इंसान जन्नत में अपना मक़ाम न देख ले उस वक्त तक अल्लाह तआला उसे मौत नहीं देगा। वो इंसान मौत से पहले-पहले जन्नत में अपना मक़ाम देख लेगा (सुब्हानअल्लाह)

अल्लाह तआला की कितनी बड़ी रहमत है। तो मेरे दोस्तों और मेरी बहनों दुरूद शरीफ के साथ जन्नत का सौदा है। जन्नत का सौदा करना चाहते हो और जन्नत पाना चाहते हो, अपनी आख़िरत को संवारना चाहते हो। तो दुरूद-ए-पाक पढ़ा करो, जितना ज्यादा हो सके पढ़ो। ये तो एक ऐसी चीज़ है जितना ज़्यादा पढोगे फायदा बढ़ता ही जाएगा फायदे में कमी नहीं आएगी।

सवाब में कमी नहीं आएगी और दुरूद-ए-पाक का तीसरा फायदा है अल्लाह के प्यारे नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का फरमान है कि जो इंसान मेरे ऊपर एक बार दुरूद पढ़ता है, सिर्फ एक मर्तबा तो अल्लाह तआला उसके ऊपर 10 रहमतें नाज़िल करता है प्यारे दोस्तों अल्लाह की एक-एक रहमत हमारे लिए काफी है और जब एक नेकी की जगह 10-10 रहमतें हों तो आप खुद ही सोच लो। फिर तो हमारी कामयाबी ज़रूर होगी।

हमारे बड़े से बड़े कामों के लिए अल्लाह की एक रहमत ही काफी है और जब एक बार दुरूद शरीफ पढ़ने पर अल्लाह की 10-10 रहमत नाज़िल हो तो फिर इंसान की दुनिया और आख़िरत दोनों ही सवर जाएगी फिर तो आसानी के साथ हमारे काम बनेंगे और दुरूद शरीफ पढ़ने का चौथा फायदा ये है आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो इंसान मुझ पर एक बार दुरूद पढ़ेगा तो अल्लाह तआला उसके 10 गुनाह मिटा देता है।

उस इंसान के 10 गुनाह अल्लाह तआला माफ कर देता है। प्यारे दोस्तों क़यामत के दिन इंसान का ये हाल होगा की इंसान चाहेगा कि मेरे गुनाह कम हो और मुझे जन्नत मिले, गुनाह कम हो सकते हैं उसके लिए दुरूद शरीफ पढ़ा करो अगर एक बार पढ़ोगे तो बदले में 10 गुनाह माफ होंगे, दूसरी बार पढ़ोगे फिर 10 गुनाह माफ होंगे।

ऐसे ही पढ़ते जाएं और अपने गुनाह माफ करवाते जाएं। दुरूद शरीफ का पांचवा फायदा ये है आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया की एक मर्तबा पढ़ने से अल्लाह तआला उस बंदे के यानी की पढ़ने वाले के 10 दर्जे बुलंद कर देता है। जितना ऊँचा दर्जा होगा उतनी बड़ी जन्नत मिलेगी। जन्नत में उतना ही बड़ा मक़ाम मिलेगा।

जन्नत में अपने दर्जे को बुलंद करना चाहते हो तो दुरूद शरीफ पढ़ा करो दोस्तों दुरूद शरीफ पढ़ने वाले इंसान पर अल्लाह तआला की बेपनाह रहमतें हैं दुरूद शरीफ पढ़ने के बहोत सारे फायदे हैं अल्लाह तआला से ये दुआ करें की अल्लाह तौफीक़ दे की हम भी प्यारे नबी पर क़सरत के साथ दुरूद शरीफ पढ़ सकें।

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दुरूद-ए-इब्राहिम आप इस दुरूद शरीफ को भी पढ़ सकते हैं ये दुरूद शरीफ नमाज़ में भी पढ़ी जाती है इस दुरूद शरीफ के भी बेपनाह फायदे हैं इसी तरह कई दरूद शरीफ है जिसे पढ़ने पर अल्लाह तआला अपनी ख़ास रहमतें अपने बन्दों पर नाज़िल करता है –
दुरूद -ए -इब्राहीम – अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मदिव-व-अला आलि मुहम्मदिन कमा सल्लैत अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद,
अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव-व-अला आलि मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम-व-अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम-मजीद

अल्लाह तआला की बारगाह में दुआ है की अल्लाह तआला हमें भी ज़्यादा से ज़्यादा दुरूद शरीफ पढ़ने की तौफ़ीक़ दे और पाँच वक़्त की नमाज़ भी जमाअत के साथ पढ़ने की भी तौफ़ीक़ दे और बुरे कामों से बचाए ज़्यादा से ज़्यादा नेक काम कर सके वो काम जो अल्लाह और उसके प्यारे नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम को पसंद हो और लिखने या पढ़ने में किसी भी तरह की गलती हुई हो तो अल्लाह तआला माफ़ करे ( आमीन )

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