हज़रत मोहम्मद ﷺ और शैतान का वाक़्या-Huzur SAW aur shaitan ka waqia

दोस्तों आज हम आपको अल्लाह के प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद ﷺ और शैतान की मुलाकात का वाक़्या बताने वाले हैं जिससे आपको मालूम चल जाएगा की शैतान हमें किस तरह से बुरे काम की तरफ ले जाता है. अल्लाह के नबी और शैतान के बीच क्या बातें हुई थी, क्या सवालात और क्या जवाब हुवे थे, वो सब कुछ आज हम आपको बताएंगे. जब अल्लाह तआला ने हज़रत ए आदम अलैहिस्सलाम को बनाया, फरिश्तों और शैतान को अल्लाह तआला ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को सज्दा करने का हुक्म दिया तो सबने सज्दा किया लेकिन शैतान ने सजदा करने से इनकार कर दिया.

अल्लाह तआला ने भी शैतान को लानत के साथ जन्नत से निकाल फेंका शैतान को जन्नत से निकाले जाने की वजह एक इंसान हुआ तो अपने बदले की आग बुझाने के लिए शैतान ने अल्लाह के बंदों को सीधे और नेक रास्ते से हटाने का काम शुरू कर दिया. कई नबियों और रसूलों के दौर में शैतान उनसे मुलाकात करता रहा और उनकी क़ौम को तबाह और बर्बाद करने के लिए अलग-अलग चालें चलता रहा और उनको गुमराही में डालता रहा जिसकी वजह से उन पर दर्दनाक अज़ाब आए.

और उनका नामोनिशान मिट जाए. एक मर्तबा जब हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से शैतान की मुलाकात हुई तो शैतान ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम से कहा, ऐ मूसा अल्लाह तआला ने आपको अपने रिसालत के लिए अपना नबी बनाकर आपको दुनिया में भेजा है और आप अल्लाह तआला से बातें भी किया करते हैं. मैं भी खुदा की मखलूक में शामिल हूँ और मुझसे एक गुनाह हुआ है और अब मैं उस गुनाह से तौबा करना चाहता हूँ. आप अल्लाह तआला की बारगाह में मेरी सिफारिश करे कि अल्लाह मेरी तौबा कुबूल करे. हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने अल्लाह तआला से शैतान के लिए दुआ की

अल्लाह तआला की तरफ से हुक़्म हुवा ऐ मूसा हम तुम्हारी दुआ क़ुबूल करेंगे और शैतान के लिए अल्लाह ने हुक्म दिया की उसे हुक्म दो की वो आदम की क़ब्र को सज्दा करे, फिर उसकी तौबा कुबूल होगी. शैतान ने इनकार किया और घमंड और गुस्से में आकर कहने लगा जब मैंने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को उनकी जिंदगी में सज्दा नहीं किया तो आज उनकी क़ब्र को भी सज्दा नहीं करूँगा. फिर शैतान ने कहा ऐ मूसा आपने अल्लाह तआला की बारगाह मेरी सिफारिश की है, इसके लिए तुम्हारा मुझ पर हक बनता है

चलो मैं तुमको कुछ राज़ की बातें बताता हूँ तुम मुझ को तीन हालतों में याद किया करो, ऐसा ना हो कि मैं तुमको इन तीन वक्त में बर्बाद और तबाह कर दूँ. एक तो गुस्से के वक्त मुझे याद किया करो क्योंकि मेरा फितना तुम्हारे दिल में है और मैं तुम्हारे रगों में तुम्हारे पुस्त में खून की तरह दौड़ता हूँ. दूसरा नेक काम के वक्त मुझे याद किया करो क्योंकि मैं इंसान के पास उस वक्त जाता हूँ जब वो कोई नेक अमल कर रहा होता है और  काम करने से रोकता हूँ, तीसरा, गैर औरत के पास बैठने से बचो क्योंकि मैं उस वक़्त सबसे ज़्यादा वस-वसे इंसान के दिल में डालता हूँ जब वो किसी गैर महरम के साथ होता है.

हज़रत मोहम्मद ﷺ और शैतान का वाक़्या-Huzur SAW aur shaitan ka waqia

हज़रत इब्नेअब्बास रज़ियल्लाहु तआला अन्हो फरमाते हैं हज़रत मोहम्मद ﷺ मस्जिद से बाहर निकले तो वहाँ शैतान खड़ा हुआ था आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने शैतान से पुछा किस चीज़ ने तुझे मस्जिद के करीब लाया  है, शैतान ने कहा ऐ अल्लाह के नबी मुझे अल्लाह तआला ने आपकी खिदमत में हाज़िर होने का हुक्म दिया है. आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया अल्लाह तआला ने तुझे मेरे यहाँ क्यों भेजा है?

शैतान ने कहा ताकि आप मुझसे कुछ सवाल पूछे हज़रत इब्नेअब्बास रज़ियल्लाहु तआला अन्हो फरमाते हैं, पहले आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने नमाज़ के मुताबिक पूछा ऐ शैतान मेरी उम्मत को नमाज़ जमात के साथ पढ़ने से क्यों रोकता है? शैतान ने अर्ज़ किया हुज़ूर, जिस वक्त आपका कोई उम्मती जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ने के लिए घर से बाहर निकलता है तो मुझे एक बिमारी घेर लेती है जब तक वो वापिस नहीं होता, मैं उसी बिमारी में परेशान रहता हूँ.

फिर आप आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने पूछा तू उनको इल्म हासिल करने और दुआ माँगने से क्यों रोकता है? शैतान ने अर्ज़ किया जब कोई शख्स अपने रब से फ़रियाद करता है तो मैं उस वक़्त अंधा और बहरा हो जाता हूँ. मुझे उस वक्त शिफा सुकून मिलता है, जब वो दुआ माँग कर किसी दूसरे काम में लग जाता है. आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने शैतान से पुछा मेरी उम्मत को क़ुरआन पढ़ने से क्यों रोकता है? शैतान ने अर्ज़ किया जब वो क़ुरआन पाक पढ़ते है तो मैं आग में जलता रहता हूँ.

फिर आप अल्लाह के प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद ﷺ ने फरमाया तुम उनको नेक काम करने से क्यों रोकते हो? शैतान कहने लगा जब कोई शख्स नेक काम करता हैं तो मेरे सर पर कुल्हाड़ी जैसी कोई तेज़ धार हथियार चलती है जो मुझे ऐसे काटता हैं जैसे लकड़ियों को काटा जाता है. शैतान इंसान का बहुत बड़ा दुश्मन है. हमारी कोई नेकी और कोई खुशी शैतान को बिल्कुल नहीं पसंद होती. शैतान तो चाहता है जैसे उसे हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की वजह से जन्नत से निकाला गया था उसी तरह हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की औलादों को भी जन्नत में जाने का मौका ना मिले और ये जहन्नम में डाल दिए जाए.

जिस तरह शैतान और उसकी औलाद को जहन्नम में डाल दिया जाएगा. इसलिए शैतान लाख कोशिश करता है कि इंसान को सही रास्ते से भटका दे, बुरे काम की तरफ उसे ले जाए, शराब, जुआ, चोरी, ज़िना, और दूसरे गंदे कामो में उनका ध्यान ले जाए और उनकी आखिरत को बर्बाद कर दे. अल्लाह ताला से दुआ है की वो हमें शैतान के मकरो फरेब और उसके बुरे चालों से बचाए रखें.

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दोस्तों यही था हज़रत मोहम्मद ﷺ और शैतान का वाक़्या-Huzur SAW aur shaitan ka waqia जिससे हमें ये सबक़ मिलता है की जब भी हम कोई नेक काम करने की सोचते हैं तो शैतान हमें किस तरह से बहका कर बुरे काम की तरफ ले जाता है. इसी तरह की और जानकारी हासिल करने के लिए हमारी वेबसाइट bahareshariat.com को चेक करें यहाँ आप दीनी मालूमात हासिल कर सकते हैं और आपसे गुज़ारिश है इस पोस्ट और लोगों तक शेयर करें और आपको ये जानकारी कैसी लगी निचे कमेंट में ज़रूर बताए.

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