Surah Ikhlas in hindi-सूरह इखलास हिंदी में और इसे पढ़ने की फ़ज़ीलत

अस्सलाम अलैकुम दोस्तों उम्मीद है आप सब खैरियत से होंगे आज के इस पोस्ट में हम सूरह इखलास हिंदी में और इसे पढ़ने की फ़ज़ीलत के बारे में जानेंगे की सूरह इखलास पढ़ने से इंसान को कौन-कौन से फायदे हासिल होते हैं सूरह इखलास पढ़ने के फायदे और फ़ज़ीलत जानकर आप हैरान रह जाएंगे. रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया क्या तुम इससे आजिज़ हो की हर दिन क़ुरआन शरीफ पढ़ा करो लोगों ने कहा या सल्लल्लाहु, हम इससे बहुत आजिज़ हैं, तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया सुनो अल्लाह तआला ने क़ुरआन शरीफ के तीन हिस्से किए हैं.

जिसमे से कुल्हुवल्लाहु अहद यानी सूरह इखलास क़ुरआन शरीफ का तीसरा हिस्सा है मतलब ये है कि जो शख्स सूरह इखलास को तीन बार पढ़ेगा तो उसे एक मुकम्मल क़ुरआन शरीफ पढ़ने का सवाब मिलेगा. दूसरा फायदा सूरह इखलास की मोहब्बत अल्लाह की मोहब्बत के उसूल का सबब है. इस सूरह की फ़ज़ीलत में ये बात अहम है कि इसकी कसरत से तिलावत करना अल्लाह तआला के साथ इश्क और मोहब्बत करने की पहचान है और उस शख्स को अल्लाह तआला की मोहब्बत की सआदत हासिल हो जाती है, जो कसरत के साथ इसको पढ़ता है.

मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों कितनी बड़ी फ़ज़ीलत है जो आदमी सूरह इखलास से मोहब्बत करता है, अल्लाह तआला उससे मोहब्बत करता हैं. दोस्तों ये अमल देखने में बहोत छोटा है लेकिन सवाब और फ़ज़ीलत बहोत ज़्यादा है. तीसरा फायदा – इसकी मोहब्बत जन्नत में दाखिल होने का सबब है तिर्मिज़ी शरीफ की हदीस है की एक शख्स ने अल्लाह के प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से पुछा मैं सूरह इखलास से मोहब्बत करता हूँ तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया इसकी मोहब्बत तुझे जन्नत में ले जाएगी. कितनी बड़ी फ़ज़ीलत है उस शख्स के लिए जो सूरह इखलास से मोहब्बत करता है और इसकी तिलावत करता रहता है. उसके इस अमल की वजह से अल्लाह तआला उसे जन्नत में दाखिल करेगा.

Surah Ikhlas in Arabi-सूरह इखलास अरबी में

Surah Ikhlas in hindi-सूरह इखलास हिंदी में

चौथा फायदा- सूरह इखलास को पढ़कर दुआ की जाए तो दुआ कबूल होती है, जैसा कि निसाई शरीफ की एक हदीस में है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मस्जिद में आए तो देखा कि एक शख्स नमाज़ पढ़ रहा है. और दुआ माँग रहा है अपने दुआ में वो यूँ कहता है ऐ अल्लाह मैं तुझ से सवाल करता हूँ, इस बात की गवाही देकर की तेरे सिवा कोई माबूद नहीं है. तू अकेला है, बेनियाज़ हैं, न तेरा कोई माँ बाप है, ना औलाद है, और ना कोई हमसफ़र और ना कोई साथी है, आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ये सुनकर फरमाने लगे उस अल्लाह की कसम जिसके क़ब्ज़े क़ुदरत में मेरी जान है इस शख्स ने इस्मे आज़म के साथ दुआ माँगी है. दोस्तों जिन्हे नहीं मालूम की इसमें आज़म क्या है और इसकी फ़ज़ीलत के बारे में तो उन्हें बता दूँ इस्मे आज़म अल्लाह के नाम मुबारक को कहते है इस पर हमने एक पोस्ट लिखा है आपको वो पोस्ट इस पोस्ट में मिल जाएगी आप उसे भी ज़रूर पढ़ें.

आगे आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया की अल्लाह तआला के इस बड़े नाम के साथ जब कभी सवाल किया जाए. तो अल्लाह की  अता की जाती है और जब कभी इस नाम के साथ दुआ माँगी जाए तो दुआ कबूल होती है. पाँचवाँ फायदा – सूरह इखलास 10 बार पढ़ने वाले के लिए जन्नत में महल बना दिया जाएगा, जैसा कि मुसने अहमद की एक हदीस में है की रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया, जो शख्स इस पूरी सूरत को 10 मर्तबा पढ़ेगा, उसके लिए जन्नत में महल तामीर किया जाएगा. इस पर हज़रत ऊमर फ़ारूक़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हो ने कहा या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फिर तो हम बहुत से महल बनवा लेंगे. आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया अल्लाह तआला इससे भी ज़्यादा और इससे भी अच्छे महल देने वाला है.

Surah Ikhlas in hindi-सूरह इखलास हिंदी में

Surah Ikhlas in hindi-सूरह इखलास हिंदी में

छठा फायदा – सूरह इखलास में अल्लाह तआला की शान बयान है मुसनद अहमद की एक रिवायत में है कि जब मुशरिकीन ने अल्लाह के प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से सवाल किया अपने रब के तारीफ़ बयान करो. इस सवाल के जवाब में अल्लाह तआला ने सूरह इखलास को नाज़िल किया मालूम हुआ कि सूरह इखलास अल्लाह तआला की शान बयान करता है क्यों कि इस सूरह के अंदर अल्लाह तआला के ख़ास तारीफ़ बयान हुए हैं की अल्लाह तआला अकेले तने तनहा बेनियाज़ है, किसी का मोहताज नहीं है, ना अल्लाह तआला की कोई औलाद है, और ना अल्लाह तआला को किसी ने पैदा किया है. इस वजह से ये सूरह अल्लाह तआला की मख़सूस शिफ़ात को बयान करती है.

सातवाँ फायदा – सूरह फलक, और सूरह नाश, के साथ सुबह और शाम तीन बार सूरह इखलास की तिलावत हर बुरी शय से बचाती है. यानी सुबह और शाम क़ुरआन शरीफ की आखिरी तीन सूरतों का पढ़ना तमाम बुरी शय जैसे जादू, टोना, और जिन्नात वगैरह से हिफाज़त का ज़रिया है, जैसा कि हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने खुबैब रज़ियल्लाहु तआला अन्हो बयान करते हैं, प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मुझे फरमाया सुबह और शाम तीन-तीन बार कुल्हुवल्लाहु अहद और कुलअउज़ू रब्बिल फ़लक और कुलअउज़ूबी रब्बिननास पढ़ा करो. ऐसा करना तुम्हारे लिए हर चीज़ से काफी हो जाएगा, यानी ये अमल इंसान को हर किस्म के शय मुसीबत और बला से महफूज रखेगा.

आठवाँ फायदा – सूरह इखलास की तिलावत और इस पर अमल जन्नत को वाजिब करने का सबब है. यानी जो बंदा सूरह इखलास की तिलावत और इस पर पाबंदी से अमल करता रहा तो उसका ये अमल उसे जन्नत में ले जाएगा. जैसा कि हदीस शरीफ में है की हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है वो कहते हैं कि मैं रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के साथ आया आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने वहाँ एक आदमी को सूरह इखलास पढ़ते हुए सुना तो रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया वाजिब हो गयी. मैंने कहा या रसूल अल्लाह क्या चीज़ वाजिब हो गयी? आप सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया इस शख्स के लिए जन्नत वाजिब हो गई.

नौवा फायदा – सूरह इखलास की तरह कोई सूरह तौरात, ज़बूर,इंजील, और क़ुरआन शरीफ में नाज़िल नहीं की गई, जैसा कि हदीस में है कि हज़रत उत्क़ा बिन आमिर रज़ियल्लाहु तआला अन्हो कहते हैं कि मैं एक मर्तबा आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से मिला तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया मैं तुम्हें ऐसी सूरते सीखाता हूँ जिसकी तरह कोई सूरह ना तो तौरात में है, ना ज़ुबूर में और ना ही इंजील में है, और ना क़ुरआन में इन जैसी कोई सूरह है. लिहाजा इन सूरतों को हर रात पढ़ा करो और वो सूरत हैं, कुल्हुवल्लाहु अहद और कुलअउज़ू रब्बिल फ़लक और कुलअउज़ूबी रब्बिननास है.

दसवाँ फायदा – सूरह इखलास यानी कुल्हुवल्लाहु अहद और कुलअउज़ू रब्बिल फ़लक और कुलअउज़ूबी रब्बिननास के ज़रिए जिस शख्स ने अल्लाह तआला से पनाह माँगी तो अल्लाह तआला उसे अपनी पनाह देगा और उसपर अपनी ख़ास रहमत नाज़िल करेगा दोस्तों तो हमें भी इन सूरतों के ज़रिए अल्लाह से पनाह माँगनी चाहिए ग्यारवाँ फायदा – रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम बिस्तर पर जाते तो सूरह इखलास और सूरह फलक और सूरह नास को पढ़कर अपने जिस्म पर हाथ फेरते थे हज़रत आयशा सिद्दीका रज़ियल्लाहु तआला अन्हा फरमाती हैं की नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम रात के वक्त जब बिस्तर पर जाते तो हर रात इन तीन सूरतों को पढ़कर अपनी दोनों हथेलियां मिलाकर उन पर दम करके अपने जिसमें मुबारक पर फेर लिया करते थे.

दोस्तों तो ये थे Surah Ikhlas in hindi-सूरह इखलास हिंदी में और इसे पढ़ने की फ़ज़ीलत दोस्तों अमल छोटा है लेकिन इसपर मिलने वाला सवाब बहोत ज़्यादा है उसकी वजह ये है कि अगर आप सूरह इखलास के तर्जुमा पर गौर करें तो आपको ये मालूम होगा कि इसके अंदर जो अल्लाह तआला की सिफारिश की जा रही है वो कितनी बुलंद है, कितनी जबरदस्त है इंसान जब तिलावत करता है, कुल्हुवल्लाहु अहद तो इस बात का इकरार करता है कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं है अल्लाह सिर्फ एक है और वो अकेला है और वो अकेला ही इस पूरी क़ायनात को चलाने वाला है.

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दोस्तों ये फ़ज़ीलत और शान है सूरह इखलास को पढ़ने की इस पोस्ट में हमने यही जाना की Surah Ikhlas in hindi-सूरह इखलास हिंदी में और इसे पढ़ने की फ़ज़ीलत आपसे गुज़ारिश है की इस पोस्ट को सदक़ा की नीयत से ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक शेयर ज़रूर करें और अपनी राय निचे कमेंट में ज़रूर लिखे और इसी तरह के इस्लामी मालूमात हासिल करने के लिए हमारी वेबसाइट Bahareshariat.com को चेक ज़रूर करें.

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