हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम और एक आँख वाले शख्स का वाक़्या

दोस्तों आज हम आपके सामने पेश करने जा रहे हैं अल्लाह के नबी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम और एक आँख वाले शख्स का वाक़्या ये एक ऐसा वाक़्या है जिसे पढ़कर आप का ईमान तो ताज़ा होगा ही साथ ही साथ आपकी आँखों से आँसू भी निकल आएँगे. क्यों कि ये वाक़्या है ही ऐसा ये वाक़्या है अल्लाह के नबी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम और एक आँख वाले आदमी का, जिसने अपनी एक आँख एक गुनाह की वजह से निकाल कर फेंक दी थी. कौन सा था वो गुनाह और क्यों फेंकी थी उस आदमी ने अपनी आँख निकालकर ये जानेंगे हम इस पोस्ट में तो मेरी आप से गुज़ारिश है इसे पूरा ज़रूर पढ़ें.

दोस्तों हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु तआला अन्हो से रिवायात है की एक बार अल्लाह के नबी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम बहोत से लोगों को साथ में लेकर बारिश की दुआ करने के लिए चल पड़े तभी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम पर अल्लाह तआला की तरफ से वही नाज़िल हुई अल्लाह तआला ने हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम से फ़रमाया की जब तक आपके साथ गुनहगार लोग शामिल होंगे. तब तक बारिश नहीं होगी और दुआ भी कुबूल नहीं होगी.

अल्लाह तआला ने फ़रमाया ऐ ईसा जब तक गुनहगार लोग आपके साथ मौजूद है, तब तक बारिश होना नामुमकिन है. जैसे ही ये वही आप हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम पर नाज़िल हुई तो आप हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने ऐलान करवा दिया की ऐ लोगों तुम में से जो-जो लोग भी गुनहगार है वो यहाँ से चला जाए जिसने कोई भी गुनाह किया हो. चाहे वो छोटा गुनाह हो या बड़ा, वो हमारे साथ ना रुके जैसे ही अल्लाह के नबी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने ये ऐलान करवाया तो वहाँ के सभी के सभी लोग वापस लौट गए.

लेकिन दोस्तों उन सब लोगों में एक ऐसा शख्स भी था जो वहाँ से नहीं गया और वहाँ रुका रहा बाकी सभी लोग अपनी गुनाह की वजह से वहाँ से चले गए लेकिन सिर्फ वो अकेला शख्स वहाँ मौजूद रहा. और उस शख्स की सिर्फ एक ही आँख थी यानी की वो शख्स एक आंख वाला ही था. वो एक आँख वाला शख्स जो इस ऐलान के बाद वहाँ पर रुका रहा, बाकी तमाम लोगों के जाने के बाद भी. आप हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने जैसे ही उस एक आँख वाले शख्स को वहाँ रुका हुआ देखा और देखा कि तमाम लोग पलट गए लेकिन ये एक शख्स यहीं पर खड़ा है,

जबकि मैंने कह दिया है की किसी ने कोई भी गुनाह किया हो तो वो यहाँ से चला जाए तो फिर ये एक शख्स यहाँ पर क्यों रुका है. उसके बाद अल्लाह के नबी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने उस शख्स के पास जाकर उससे पूछा की ऐ अल्लाह के बंदे तुम वापस क्यों नहीं पलटें तो वो शख्स हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम से कहने लगा ऐ अल्लाह के नबी मैंने लम्हा भर भी अल्लाह तबारक वताला की मेरे परवरदिगार की, नाफरमानी नहीं की,

लेकिन एक बार मेरी नज़र एक औरत के पैरों पर पड़ गई थी और फिर अपने उस गुनाह पर मैं बहोत ज़्यादा शर्मिंदा हुआ मैं बहुत ज़्यादा ग़मगीन हुआ और मैंने उस गुनाह की वजह से ही जो मुझसे अनजाने में हो चुका था उसी वजह से मैंने अपनी एक आंख निकाल कर फेंक दी, और ऐ अल्लाह के नबी, ऐ रूहुल्लाह अगर मेरी ये दूसरी आंख से भी ऐसी कोई गुनाह हो जाता तो खुदा की कसम मैं उसे भी निकालकर फेंक देता अल्लाह हो अकबर.

मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों उस शख्स की बात को सुनकर अल्लाह के नबी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम रोने लग गए और इतना रोए, इतना रोए की आप हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की मुबारक दाढ़ी आँसुओं से तर हो गई और फिर आप हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने उस शख्स को मुखातिब करके उससे कहा ऐ अल्लाह के बंदे तू हमारे लिए दुआ कर मेरी नज़र में तू ज़्यादा दुआ करने का हक़दार है क्यों कि ऐ शख्स मैं तो नबूवत की वजह से गुनाहों से मासूम हूँ, गुनाहों से पाक हूँ, और तू तो मासूम भी नहीं है.

लेकिन फिर भी तू सारी ज़िन्दगी गुनाहों से बचता रहा, बुरे कामों से बचता रहा, हर बुराई से दूर रहा तो ऐ अल्लाह के नेक बंदे तू दुआ कर. उसके बाद उस शख्स ने अल्लाह के नबी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की जैसे ही ये बात सुनी तो वह शख्स भी आगे बढ़ गया और उसने उसके बाद अपने हाथ दुआ के लिए बुलंद कर दिए और फिर कुछ इस तरह से वो एक आँख वाला शख्स, वो नेक बंदा अल्लाह तआला की बारगाह में दुआ करने लगा, और कहने लगा ऐ हमारे रब, ऐ हमारे परवरदिगार,

ऐ रहमान और रहीम तू ने ही हमें पैदा फरमाया है, और ऐ रब तू ही हमारी पैदाइश से पहले ही जानता था कि हम लोग, हम बंदे क्या अमल करने वाले हैं, हम लोग क्या क्या गुनाह करने वाले हैं, हम लोग क्या-क्या करने वाले हैं, फिर भी ये तेरी शान है ऐ रब की तूने हमें पैदा फरमाया, ऐ अल्लाह जब तूने हमें पैदा किया और हमें इस दुनिया में भेज दिया, तो तू ही हमारे रिज़्क़ का कफील है, ऐ हमारे परवरदिगार ऐ दोनों जहान को पालने वाले ऐ रात और दिन को ढालने वाले, तू हम पर अपना करम फरमा, हम पर अपना रहम फरमा, उस पाक परवरदिगार की कसम, जिसकी कुदरत में ईसा अलैहिस्सलाम की जान है,

दोस्तों अभी वो शख्स जिसकी एक ही आंख थी और जो बहोत नेक शख्स था और जिसे अल्लाह के नबी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने खुद दुआ करने के लिए कहा था अभी वो शख्स दुआ कर ही रहा था और उसने अपने हाथ को अल्लाह की बारगाह में उठाकर ही रखा था की अल्लाह तआला ने उसकी दुआ को क़ुबूल कर लिया और उसी समय अल्लाह तआला ने अपनी क़ुदरत से ऐसी बारिश फ़रमाई की उन सभी लोगों की सोच भी नहीं थी की इतनी बारिश होगी अल्लाह तआला इस क़दर मेहरबान हुवा की उसने उस बंदे की वजह से उसी वक़्त बारिश को नाज़िल कर दिया.

और उस एक आँख वाले शख्स की दुआ और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम के सदक़े में सारे ज़रुरत मंद लोगों की ज़रूरतें पूरी हो गई सुब्हानअल्लाह मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों यही शान होती है अल्लाह के नबियों की और अल्लाह के वालियों की अल्लाह तआला अपने नेक बन्दों और वालियों की दुआओँ को कभी रद नहीं करता बल्कि फ़ौरन क़बूल कर लेता है. दोस्तों ये अल्लाह के नेक बंदे अपनी ज़िन्दगी की सारी ख़्वाहिशों को क़ुर्बान कर के अल्लाह को राज़ी करने में लग जाते हैं और अल्लाह के मुताबिक़ अपनी ज़िन्दगी गुज़ारा करते हैं.

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दोस्तों ये था हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम और एक आँख वाले शख्स का वाक़्या अल्लाह तआला से दुआ है की अल्लाह हमें भी अपने नेक बन्दों के सदक़े में हर बुरे काम से बचाए और ज़्यादा से ज़्यादा नेक काम करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए और हम सबको पाँच वक़्त की नमाज़ पढ़ने की तौफ़ीक़ दे आप इस वाक़्या को अपने दोस्तों तक शेयर ज़रूर करें और इसी तरह की इस्लामी मालूमात हासिल करने के लिए हमारी वेबसाइट Bahareshariat.com को चेक करें.

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