Hazrat Ali Aur Hazrat Jibrail Ka Waqia-हज़रत अली और हज़रत जिब्रईल का वाक़्या

Hazrat Ali Aur Hazrat Jibrail Ka Waqia-हज़रत अली और हज़रत जिब्रईल का वाक़्या

दोस्तों आज हम हज़रत अली और हज़रत जिब्रईल अलैहिस्सलाम का दिलचस्प वाक़्या आपको बताने वाले हैं जिसे सुनकर आपका ईमान ताज़ा हो जाएगा मेरी आपसे गुज़ारिश है की इस वाक़्या को पूरा ज़रूर पढ़ें – Hazrat Ali Aur Hazrat Jibrail Ka Waqia-हज़रत अली और हज़रत जिब्रईल का वाक़्या

Hazrat Ali Aur Hazrat Jibrail Ka Waqia-हज़रत अली और हज़रत जिब्रईल का वाक़्या

Hazrat Ali Ka insaf-हज़रत अली और एक यतीम बच्चे का वाक़्या

मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों हज़रत ज़ैद इब्ने अरक़म रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है की एक मरतबा का ज़िक्र है की एक शख्स ने मरते वक़्त अपने दोस्त को दस हज़ार (10000) दिरहम दिए और उसने कहा की जब तुमसे मेरे लड़के की मुलाक़ात हो जब भी तुमसे मेरा बेटा मिले तो इस रक़म में से जो तुम चाहो वो मेरे लड़के को दे देना दोस्तों आपको बता दूँ मरने वाले शख्स ने कहा था इसमें से जो रकम तुम चाहोगे वो मेरे बेटे को दे देना

इत्तेफ़ाक़ से कुछ दिनों के बाद मरने वाले का लड़का अपने वतन वापस आ गया इस मौके पर हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने उस शख्स से इरशाद फ़रमाया की बताओ तुम उस मरने वाले के लड़के को कितना रकम दोगे यानी की तुम्हारे उस दोस्त जिसने दस हज़ार दिरहम देने के बाद तुम्हे वसीयत की थी की जब मेरे लड़के से तुम्हारी मुलाक़ात हो तो इसमें से वो रक़म तुम उसे देना जो तुम चाहो

फिर उस शख्स ने हज़रत अली से अर्ज़ किया की या अली मै उसे एक हज़ार (1000) दिरहम दूंगा तो इसके बाद मौलाए क़ायनात सय्यदना हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने उस शख्स की बात सुनकर इरशाद फ़रमाया की अब तुम उसे नौ हज़ार (9000) दिरहम दोगे उसके बाद वो शख्स हैरान हुवा और कहने लगा हज़रत ये किस लिए हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया वो इस लिए की जो तुम्हे चाहिए वो नौ हज़ार (9000) दिरहम है और मरने वाले शख्स ने भी तो यही कहा था की जो तुम चाहोगे वो मेरे बेटे को दे देना

लिहाज़ा अब तुम उसके बेटे को यानि इस लड़के को नौ (9000) हज़ार दिरहम अदा करोगे  (सुब्हानअल्लाह) मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों ये सय्यदना हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का इल्मे पाक Hazrat Ali जानते थे की मरने वाले ने क्या चाहकर अपने बेटे को रकम दिलवानी चाहि थी (सुब्हानअल्लाह)

Hazrat Ali Ki Shan Aur Allah Ke Nabi Ka Farman-हज़रत अली की शान और अल्लाह के नबी का फरमान

इसी तरह एक बयान है की अल्लामा आशिफ अली शाफ़ई रहमतुल्लाह अलैह फरमाते हैं के एक मर्तबा सय्यदना हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की वालिदा हज़रते फातिमा बिन्ते असद रज़ियल्लाहु तआला अन्हा ने अल्लाह के प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में अर्ज़ किया या रसूले पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अली जुमा की रात में सोते हैं जबकि उस रात में जागना बेहतर है सूले पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया की अल्लाह तआला ने जुमा की रात Ali के सोने का सदक़ा फरमा दिया है

और वो इस तरह की अल्लाह तआला ने Ali की रूह से एक सब्ज़ परिंदा पैदा किया है और वो परिंदा आसमानों में सैर करता हैं आसमानों पर कोई भी ऐसी जगह बाकी नहीं जहाँ पर अली की रूह ने रुकू या सजदा ना किया हो (सुब्हानअल्लाह) मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों इमाम नसफ़ी ने कहा की इसी वजह से मौलाए क़ायनात सय्यदना हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने इरशाद फ़रमाया की आसमानो के हालात और उनके बारे में मुझसे सवाल कर सकते हैं क्यों की मैं आसमानो से खूब वाक़िफ़ हूँ और ज़मीन के हालात से भी खबर हूँ

Hazrat Ali Aur Hazrat Jibrail Ka Waqia-हज़रत अली और हज़रत जिब्रईल का वाक़्या

एक मर्तबा हज़रत जिब्रईल अलैहिस्सलाम एक मर्द की शक्ल इख्तियार कर के Hazrat Ali के पास तशरीफ़ ले आए और आकर Maula Ali से फरमाने लगे की अगर ऐ अली आप अपने दावे में सच्चे हैं तो आप हमें बताइये की इस वक़्त रुहुल अमीन जिब्रईल कहाँ पर हैं जैसे ही उन्होंने इतना फ़रमाया तो मौलाए क़ायनात सय्यदना हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने अपनी निगाह आसमान की तरफ उठाई हज़रत अली ने आसमान में दाएं देखा फिर बाएं देखा उसके बाद हज़रत अली ने ज़मीन की तरफ देखा

और फिर मौलाए क़ायनात सय्यदना हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने इरशाद फ़रमाया की इस वक़्त ना तो जिब्रईल आसमान में हैं और ना ही ज़मीनों में है मै यक़ीन से कहता हूँ की तुम ही जिब्रईल हो (सुब्हानअल्लाह) मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों ये इल्म है मौलाए क़ायनात फातहे खैबर शेरे खुदा सय्यदना हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का इसी लिए तो हमारे प्यारे आक़ा हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने खुद इरशाद फ़रमाया है की मै इल्म का शहर हूँ और अली उसका दरवाज़ा है

मोहतरम अज़ीज़ दोस्तों जिस शख्सियत के बारे में अल्लाह प्यारे रसूल ये फरमा दे तो सोचिये के उनके इल्म का क्या आलम होगा दोस्तों हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का बहुत मशहूर कॉल है की जितना इल्म हमारे पास था उतना मुझसे किसी ने पुछा ही नहीं दोस्तों इस बात से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की अल्लाह के वली हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु का इल्मे मुबारक कितना आला है और जब हज़रते अली का इल्म इतना आला है तो हमारे प्यारे आक़ा हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के इल्म का क्या मक़ाम होगा

दोस्तों इस वाक़्या को बयान करने का मक़सद ये है की मौलाए क़ायनात सय्यदना हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को अल्लाह के प्यारे रसूल से वो इल्मे पाक हासिल हुवा जो किसी और को न था और ना ही किसी को होगा वाक़ई मौला अली की शान बहोत बड़ी है और लाखों सलाम हो अल्लाह के वाली हज़रते अली इब्ने अबी तालिब पर और लाखों सलाम हो अल्लाह के प्यारे महबूब हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर

दोस्तों आपको ये वाक़्या पढ़कर कैसा लगा निचे कमेंट में ज़रूर लिखें और इसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक शेयर करें और इसी तरह की इस्लामी वाक़्यात या इस्लामी मालूमात हासिल करने के लिए हमारी साइट पर लिखे हुवे और पोस्ट को पढ़ें और दुआ में ज़रूर याद रखें अल्लाह हाफ़िज़

Hazrat Ali R.A Ki Kamal Zahanat Ka Waqia-हज़रत अली का इन्साफ

नाज़रीन अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो

तो सदक़-ए-जारिया की नियत से ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक शेयर करें

2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *